'मेरे पिया गए रंगून' जैसे कई लोकप्रिय गीतों की आवाज़ रहीं शमशाद बेगम का मुंबई में निधन हो गया है। 94 साल की बेगम पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं। उनका निधन मुंबई के उनके घर में हुआ। शमशाद बेगम हिंदी सिनेमा की पहली पार्श्व गायिकाओं में से एक थीं। उन्होंने कई सुपरहिट गानों में अपनी आवाज दी।
शमशाद बेगम मुंबई में अपनी बेटी और दामाद के साथ रहती थी। समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए शमशाद की बेटी उषा ने बताया "पिछले कुछ महीनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। वो अस्पताल में भर्ती भी थी। कल रात उनका निधन हो गया। कुछ नज़दीकी दोस्तों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया।"
उनके गाए गीत मेरे पिया गए रंगून, कजरा मोहब्बत वाला, कभी आर-कभी पार, लेके पहला-पहला प्यार जैसे गाने आज भी
मुंबई में शमशाद ने नौशाद अली, राम गांगुली, एसडी बर्मन, सी रामचन्द्रन, खेमचंद प्रकाश और ओपी नय्यर जैसे तमाम संगीतकारों के लिए गाने गाए। इनमें भी नौशाद और नय्यर के साथ उनका तालमेल कुछ खास रहा क्योंकि इन दोनों संगीतकारों ने शमशाद बेगम की आवाज में जितनी भी विशिष्टताएं छिपी थी उनका भरपूर प्रयोग करते हुए एक से एक लोकप्रिय गीत दिए। 2009 में शमशाद बेगम को पद्म भूषण पुरस्कार से नवाज़ा गया था।