कलमकार कुछ भी कर सकता है, इसीलिए कलमकार को महान कहा जाता है। कलम सकारात्मक चल जाये तो कलमकार की महानता के किस्से सदियों तक याद किये जाते हैं और अगर वही कलम नकारात्मक चल जाये तो घनघोर निंदा भी सहनी पड़ जाती है, जो भी हो, पर एक कलमकार को दाद तो देनी ही पड़ेगी, क्योंकि अपने स्वार्थ के अनुसार शब्दों का चुनाव कर के वरिष्ठों से खबर प्रकाशित करा लेना बहुत बड़ी बात है।
हिंदुस्तान बदायूं कार्यालय आज कल ऐसी खबरों के लिए व्यापक स्तर पर कुख्यात हो गया है। हाल-फिलहाल शहर क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर सपा विधायक आबिद रजा को लेकर हिंदुस्तान की खासी फजीहत हो रही है। एक सप्ताह पूर्व विधायक की नाजायज मांग पर एसएसपी नवनीत राणा ने विधायक को कार्यालय में आड़े हाथों ले लिया था। विधायक की मांग थी कि डग्गामार वाहन चालक के साथ बदतमीजी करने वाले एसपी सिटी परेश पांडेय के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाये, जिसे एसएसपी ने नहीं माना। विधायक एसएसपी से मिलने पत्रकारों को बता कर गये थे, इसलिए पत्रकार विधायक से पहले ही पहुंच गये, पर पत्रकारों के सामने ही एसएसपी ने विधायक की काफी फजीहत कर दी। फजीहत होने के बाद भी इस प्रकरण की खबर को अधिकांश अखबारों ने विधायक और एसएसपी के बीच गरमा-गरमी दिखाते हुए छापा।
इसके बाद सपा सरकार ने प्रदेश के अधिकांश आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की। तबादले सामान्य तौर पर ही किये गये, लेकिन हिंदुस्तान अखबार ने खबर छापी कि जाना पड़ा एसएसपी राणा को, इस खबर में विधायक का जमकर गुणगान किया गया। एसएसपी का कार्याकाल बदायूं में ठीक रहा है, जिससे इस खबर को लेकर अधिकांश पाठक नाराज हैं। हालांकि बदायूं के ही पत्रकार बीपी गौतम से दैनिक जागरण के छायाकार के साथ हुई घटना को लेकर तीखी नोंकझोंक हुई थी, जिसकी बीपी गौतम ने शासन व प्रेस परिषद में शिकायत की थी। एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगा गया है, लेकिन एसएसपी के बाकी पत्रकारों के साथ जनता से भी बेहतर संबंध रहे, तभी हिंदुस्तान की रिपोर्टिंग को लेकर अधिकांश लोग दु:खी हैं।
हिंदुस्तान अखबार की एकतरफा रिपोर्टिंग करने का सिलसिला यहीं नहीं रुका। विधायक बनने के बाद आबिद रजा स्वयं को गृहमंत्री समझ रहे हैं और लगभग हर दिन किसी न किसी कार्यालय में औचक निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं। संबंधित विभाग के मुखिया की कुर्सी पर बैठकर पत्रकारों के सामने अधिकारियों-कर्मचारियों को जमकर हडक़ाते भी हैं, जिसकी लंबी-चौड़ी खबर छापी जाती है। ब्लाक सालारपुर के कार्यालय में निरीक्षण के ही समय एक प्रधान को विधायक ने जमकर हडक़ाया था। पीडि़त प्रधान के प्रार्थना पत्र पर सीजेएम पवन प्रताप सिंह ने विधायक व बीडीओ के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया हैं, जिसका हिंदुस्तान अखबार में एक भी शब्द नहीं छपा है है, जबकि अन्य अखबारों में यह खबर है, जिससे हिंदुस्तान को आबिद रजा का अखबार कहा जाने लगा है। प्रतिदिन आबिद रजा द्वारा प्लांट खबर लगाये जाने पर प्रबंधन ने शीघ्र ही ध्यान नहीं दिया तो हो सकता है कि आने वाले दिनों में पाठक अखबार के विरुद्ध आंदोलन शुरू कर दें या सामूहिक रूप से बहिष्कार कर दें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
शुभम वार्ष्णेय के फेसबुक वाल से साभार