देश भर में इस समय दशहरे, ईद और दीवाली का मौसम नहीं बल्कि घपलों और घोटालों का मौसम है। और इसी क्रम में एक और चिट फंड कंपनी के सरवर डाउन होने की घटना की पुष्टि हुई है… खबर के अनुसार एक चिट फंड कंपनी का सरवर 300 लोगों के भविष्य को डुबोने की कगार पर है। कई दिनों से मीडिया में आ रहे समाचारों के अनुसार साईं प्रकाश नामक एक चिट फंड कंपनी ने अपनी साख को बचाने के लिए, दूसरी कंपनियों की देखा-देखी स्वय भी एक मीडिया हाउस खोलने का निर्णय लिया। समूह के अंत्रगत एक चैनल की आधारशिला रखी गई। नाम है खबर भारती। आज इस चैनल का हाल ये है कि खबर लिखने तक अर्थात पूरा महीना खतम होने के बाद भी एक चपरासी तक को वेतन नहीं मिला है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कंपनी डूबने की कगार पर है और इसके पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए पैसे भी नहीं हैं। अभी तक चैनल के पदाधिकारियों ने चैनल को जीवित रखने के लिए चंदा जमा करके उन लोगों को बचाने की कोशिश की है जो पगार मिले बगैर इस मंहगे शहर में एक दिन नहीं गुजार सकते। चैनल का एक प्रोड्यूसर पिछले कई दिनों से डेंगू जैसी घातक बीमारी से जूझ रहा है। वे कैलाश अस्पताल में हैं और समाचार लिखने तक उसके रक्त के लाल अणु 25 हजार के पास अर्थात खतरे के निशान के पास आ गये हैं। कर्मचारी चंदा करके उसके इलाज का प्रबंध कर रहे हैं।
इस समय ऐसे कई किस्से हैं जो खबर भारती में विचरण कर रहे हैं। खबर भारती के कर्मचारियों को लगता है कि आज उनकी हालत उनके ही द्वारा बनाये गये एक कार्यक्रम जैसी है कि “कहां जाएं हम”। सूत्रों के अनुसार साईं प्रकाश चिट फंड कंपनी के कर्ता-धर्ता रीवा निवासी पुष्पेंद्र सिंह बघेल ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के साथ दिल्ली के अनुभवी व पेशेवर पत्रकारों को सच्ची पत्रकारिता का छलावा देकर खबर भारती को 17 नवंबर 2011 को लांच किया था। लेकिन मात्र 11 महीनों में ही हकीकत का पर्दाफाश हो गया।
चैनल से जुड़े एक कर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.