दिनांक 24 नवम्बर 2012 रविवार के दिन 12 बजे से भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर 'मैथिल यूथ परिषद' के अगुवाई में एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है. सीता माता को विदेशी कहने वाले श्री हरीश रावत (केन्द्रीय मंत्री) ने समस्त हिंदू समाज, समस्त मैथिल समाज, समस्त पूर्वांचल समाज के आस्था एवं विश्वास को ठेस पहुंचाया है. सीता माता का जन्म सीतामढ़ी, मिथिला, भारत में हुआ था. इसका वर्णन सभी पौराणिक कथा, धर्म एवं ग्रन्थ में वर्णित है. इसका ज्वलंत उदाहरण रामायण से लिया जा सकता है. सीता माता मिथिला की ही नहीं वरन सम्पूर्ण भारत को क्या कहें, अपितु पूरे विश्व के लिए आस्था की प्रतीक हैं.
यदि केन्द्रीय मंत्री को अपने देश के धर्म तथा इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है तो ये बड़ी ही शर्मनाक बात है. उन्हें महाकाव्य एवं महाग्रंथों को पढ़कर जानकारी प्राप्त करनी चाहिए अन्यथा धर्म एवं इतिहास से जुड़े मुद्दे पर गलत वक्तव्य देने से परहेज करना चाहिए.
सीता माता मिथिला की बेटी ही नहीं वरण भारत तथा विश्व के सभी महिला की सम्मान है. माँ सीता का अपमान, भारत माता का अपमान है, सनातन धर्म का अपमान है. समस्त हिंदू समाज की आस्था की प्रतीक सीता माता का अपमान विदेशी कहकर करने वाले श्री हरीश रावत (केन्द्रीय मंत्री) तथा उनको साथ देने वाली सरकार को माफ़ी मांगनी चाहिए और ध्यान रखना चाहिए की मिथिला का नाम भारत के इतिहास के पन्नों पर एक अहम स्थान है.
मैथिली एवं सीता का अपमान, लाखों करोडो हिंदू जन का अपमान है. यदि केन्द्रीय मंत्री एवं सरकार, समस्त मैथिल समज, समस्त पूर्वांचल समाज, समस्त हिंदू समाज से सार्वजनिक रूप से माफ़ी नहीं मांगती है तो इसका परिणाम राष्ट्रव्यापी आन्दोलन के रूप में उभर कर सामने आएगा.
आवाहन : समस्त युवा, चाहे वो मैथिल युवा हो, चाहे वो पूर्वांचली समाज के युवा हों, चाहे भारत के किसी भी क्षेत्र में रहने वाले युवा हो, माताओं एवं बहनों, अभिभावकों से आवाहन है कि रविवार को जंतर मंतर पर पहुंच कर हमारा साथ दें और आस्था की प्रतीक सीता मैया एवं किसी भी सम्मानीय महिला, धर्म, ग्रन्थ एवं हिंदू समाज पर दोबारा ऐसी टिपण्णी न हो, के लिए एकजुट होकर इस तरह की गतिविधि के विरुद्ध आवाज बुलंद करें.
निवेदक
मैथिल यूथ परिषद
'हमर एकता हमर प्रगति'
प्रेस विज्ञप्ति