इटावा के पत्रकार राकेश शर्मा की हत्या की जांच सीबीसीआईडी ने शुरू कर दी है. राकेश शर्मा की 23 अगस्त को इटावा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. राकेश के परिजनों ने घटना की सीबीसीआईडी जांच की मांग की थी. पिछले पखवाड़े शासन ने राकेश की हत्या की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी थी. जांच एजेंसी के अधिकारी जांच के सिलसिले में शुक्रवार को इटावा आए थे. हत्या के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को नामजद किया था.
राकेश शर्मा की कुछ लोगों ने 23 अगस्त की शाम उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वो जनता कालेज बकेवर में लैपटाप वितरण कार्यक्रम कवर करने के बाद मोटर साइकिल से घर लौट रहे थे. राकेश के छोटे भाई जगदीश शर्मा ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में गांव के ही सीताराम पुत्र ने आशाराम, टिंकू व जैकी उर्फ सोमनाथ, रामशेष उर्फ केके और मोहित ने घेरकर रोक लिया. मोहित ने कनपटी पर सटाकर राकेश को गोली मार दी. उसके बाद अन्य आरोपियों ने भी उनके भाई पर ताड़तोड़ फायर की. जिसके बाद आरोपी ने उनके साले को गोली मारकर खत्म करने की कोशिश की. असफल होने पर आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए थे. पुलिस ने तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया था.
पत्रकार की हत्या के बाद पुलिस द्वारा अपराधियों को गिरफ्तार ना किए जाने से नाराज पत्रकारों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर प्रशासन के रवैये की निंदा की थी. पत्रकारों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर मृतक पत्रकार के परिवार को आर्थिक मदद तथा सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की थी. पत्रकारों ने अपने साथी के हत्यारों की 48 घंटे के भीतर गिरफ्तारी की मांग की थी लेकिन प्रशासन केवल आश्वासन देता रहा और हुआ कुछ नहीं. हारकर पत्रकार के परिजनों ने सीबीसीआईडी जांच की मांग करनी पड़ी.