अभी अभी सूचना मिली है कि जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी और जी बिजनेस के संपादक समीर अहलुवालिया को दिल्ली पुलिस ने साजिश रचने और ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नवीन जिंदल की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर और मुहैया कराए गए सुबूतों की विवेचना के बाद गिरफ्तार करने का फैसला लिया.
जी ग्रुप की तरफ से सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया ने नवीन जिंदल से कोयला घोटाले की खबरों से जिंदल ग्रुप को बाहर रखने के लिए करीब सौ करोड़ रुपये की मांग की थी. नवीन जिंदल ने इस पूरी बातचीत की सीडी बनवा कर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया. बाद में यह प्रकरण तब चर्चा में आया जब भड़ास4मीडिया ने इससे संबंधित खबर प्रकाशित की.
भड़ास पर खबर छपने के बाद अखबारों व चैनलों ने भी एक एक करके इस खबर को छापना दिखाना शुरू किया. बाद में यह बड़ा मुद्दा बन गया जिस पर पूरे देश में चर्चा और बहस होने लगी. अब सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर यह मुद्दा तूल पकड़ेगा. इस मुद्दे के जरिए पूरे देश में मीडिया में फैलते भ्रष्टाचार और संपादकों की भूमिका पर बहस होने लगी है.
बड़ा सवाल यह है कि एफआईआर में जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा व अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, तो इनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई और क्या आगे इनकी गिरफ्तारी होगी? कहीं ऐसा तो नहीं कि सुभाष चंद्रा अपने रसूख और हैसियत के कारण बच जाएंगे और उनके दो संपादकों, जो अपने मालिक के इशारे पर काम कर रहे थे, गिरफ्तार किए जाने के बाद मामले को अंजाम तक पहुंचा मान लिया जाएगा.
इसे भी पढ़ें–
- 1. Jindal’s Zee TV sting is a great favour to Indian media
- 2. ZEE – JINDAL STING CD… watch video
- 3. ज़िंदल और ज़ी की जंग में किसकी होगी जीत?
- 4. भड़ास पर देखें नवीन जिंदल द्वारा किए गए सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया की स्टिंग की सीडी
- 5. हमें पैसे दे देंगे तो आपको आगे कोई नुकसान नहीं होगा: सुधीर चौधरी
- 6. जिंदल ने जारी की स्टिंग ऑपरेशन की सीडी, ज़ी ने कहा: 'डमी' था प्रपोजल
इस प्रकरण से संबंधित अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- Zee Jindal