कोसी/मथुरा। मीडिया की आड़ में काले कारनामों को अंजाम देने का खेल जनपद में थमता नजर नहीं आ रहा है। पुलिस ने पत्रकारिता की आड़ में सैक्स कारोबार को अंजाम देने के आरेाप में एक और पत्रकार को उसकी कथित पत्नी सहित गिरफ्तार कर जेल के सखीचों में भेजा है। इस मामले को लेकर कथित पत्रकारों में हड़कम्प मचा हुआ है तो वहीं इस मामले में घटना के पीछे कुछ मीडिया कर्मियों की भूमिका पर उंगली उठाई जा रही हैं।
मीडिया की आड़ में अब तक पुलिस, प्रशासन, माफियाओं की दलाली, जमीन कब्जाने, माफियाओं से गठजोड़ के मामले तो उजागर होते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ समय से सैक्स रैकेट चलाने के मामले भी उजागर होते रहे हैं। बताया जाता है कि पूर्व में पत्नी की अश्लील क्लीपिंग बनाने वाले वृन्दावन के भागवताचार्य राजेन्द्र आचार्य ने एक अखबार से जुड़कर पत्रकारिता में प्रवेश किया था। जिसको पत्नी सहित कई माह तक जेल के सीखचों में गुजरना पड़ा था।
इसी तरह एक मामला गोवर्धन में उजागर हुआ जहां कॉलगर्ल के साथ सैक्स रैकेट संचालन के आरोपी पत्रकार देवेन्द्र कौशिक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जिसकी जमानत अभी तक नहीं हो सकी है। यह मामला अभी ठण्डा भी नहीं हुआ था कि पिछले दिनों गोविन्द नगर थाना पुलिस ने वृन्दावन रोड़ स्थित राधेश्याम कॉलोनी में एक युवती को नशीला पदार्थ खिलाकर पोर्न फिल्म दिखाने तथा फिल्म बनाने के आरोप में एक पत्रकार संगठन के जिलाध्यक्ष एवं हरियाणा के पूर्व प्रभारी रहे तथा वर्तमान में एक दैनिक समाचार पत्र का जिला प्रभारी का कार्य देख रहे बिहारी शरण शर्मा एवं उनकी कथित पत्नी एकता शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सूत्रों का कहना है कि पूर्व में उक्त पत्रकार को कोसीकलां कस्बे में इस कथित पत्नी के साथ रंगरेलियां मनाते हुऐ पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा था। जिसमें सामाजिक दण्ड के बाद पुलिस ने छोड़ दिया था। बताया जाता है कि पकड़ी गई महिला पत्रकार की पत्नी ना होकर प्रेमिका है जो एक तरह से पत्नी के रूप में रहती थी। मीडिया से जुड़े जानकार सूत्रों का कहना है कि उक्त प्रकरण में पत्रकारों की आपसी गुटबन्दी की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है तथा पुलिस से टकराने के अंजाम के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इस प्रकरण को लेकर मीडिया संगठन और पत्रकार चुप्पी साधे हुऐ है और कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर रहा है।
सैक्स रैकेट के आरोप में फंसे पत्रकार के नजदीकी लोगों का कहना है कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। उसका सैक्स रैकेट से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। दूसरी तरफ कुछ पत्रकारों का कहना है कि पत्रकारिता की आड़ में कालेकारनामों केा अंजाम देने वाले अन्य कथित पत्रकारों के खिलाफ भी प्रशासन को सख्त कदम उठाकर बेनकाब करना चाहिये। जिससे मीडिया की धूमिल होती छवि को बचाया जा सके। उधर इस घटना के बाद कथित एवं गलत कार्यों में लिप्त पत्रकारों में हड़कम्प मचा हुआ है।