छोटे-मझोले स्तर के पत्रकारों की नियति में ही घुट-घुटकर तड़प-तड़प कर जीने को लिखा रहा है. ऐसा ही हो रहा है रुद्रपुर के स्ट्रिंगर विमल शर्मा के साथ. फोर्ब्स की सूची में सौ अमीर भारतीयों में शामिल शोभना भरतिया की मीडिया कंपनी हिंदुस्तान में काम करते हैं विमल. काफी समय से रुद्रपुर में अखबार को सेवा दे रहे हैं. खबर है कि विमल शर्मा को ब्रेन ट्यूमर हो गया है. मात्र कुछ हजार पाने वाले विमल की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है.
इलाज के लिए अपने जानने-पहचानने वालों से मदद मांगी पर बिना लाभ दिखे कोई मदद क्यों करता भला. इसके बाद उन्होंने अपने संस्थान से सहायता के बारे में बात की, पर वहां भी उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. आखिर वो अखबार के स्थाई कर्मचारी जो नहीं है. शायद मेहनतकाशों के खून-पसीनों को चूसना ही अमीर बनने का सरल रास्ता होता है.