इंदौर। इंदौर प्रेस क्लब के संस्थापक अध्यक्ष स्व. राहुल बारपुते की स्मृति में ‘राहुल स्मरण’ कार्यक्रम १४ जुलाई को आयोजित किया जाएगा। आयोजन में देश के वरिष्ठ साहित्यकार एवं संपादक शामिल होंगे। २६ जून को राहुल बारपुते की जन्मतिथि के अवसर पर इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह निर्णय लिया गया।
प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल एवं महासचिव अरविंद तिवारी ने बताया कि रविवार, १४ जुलाई को शाम ०४ बजे आनंद मोहन माथुर सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकार विजय मनोहर तिवारी द्वारा संकलित एवं मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा मुद्रित ३७० पेजों की पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा। समारोह में सर्वश्री हरिवंश, ओम थानवी, डॉ. वेदप्रताप वैदिक, अशोक वाजपेयी, राहुल देव, अभय छजलानी, श्रवण गर्ग, अच्युतानंद मिश्र आदि अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में स्व. बारपुते के सान्निध्य में कार्य कर चुके अनेक पत्रकारों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। राहुल बारपुते के जन्मतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रवीण कुमार खारीवाल, अरविंद तिवारी, राजीव बारपुते, संजय लाहोटी, विजय मनोहर तिवारी, शशीन्द्र जलधारी, अमित सोनी, सुनील जोशी, अतुल लागू, कमल कस्तूरी, हेमंत शर्मा, नितिन माहेश्वरी, नवनीत शुक्ला आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर इंदौर प्रेस क्लब प्रबंधकारिणी समिति ने ६० वर्ष की उम्र से अधिक वाले सदस्यों का ताउम्र सदस्यता शुल्क माफ करने का निर्णय भी लिया।
राहुल बारपुते के बारे में- राहुल गोविंद बारपुते का जन्म २६ जून १९२२ को इंदौर में हुआ। उत्तर प्रदेश में नैनी से कृषि में स्नातक की डिग्री ली। वे ११ फरवरी १९५४ को नईदुनिया के संपादक बने। उन्होंने २० फरवरी १९८१ को अपने प्रिय एवं प्रखर संपादकीय सहयोगी राजेंद्र माथुर को संपादक का दायित्व सौंपा तो नईदुनिया ने उन्हें प्रबंधन में शामिल कर लिया। बगैर किसी लाभांश के एक वरिष्ठ संपादकीय सहयोगी के रूप में अखबार में उनकी उपस्थिति अटूट रही। जब राजेंद्र माथुर १९८२ में नवभारत टाइम्स के संपादक बनकर इंदौर से दिल्ली गए तो राहुलजी को संपादकीय सलाहकार बनाया गया। पत्रकार के अलावा रंगमंच, संगीत और चित्रकला जैसी रचनात्मक विधाओं से भी राहुलजी का जीवनपर्यंत गहरा रिश्ता रहा। वे मध्य प्रदेश कला परिषद् के लंबे समय तक सदस्य और इंदौर प्रेस क्लब के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे। देहावसान ७४ वर्ष की आयु में ०३ जून १९९६ में इंदौर में हुआ। नईदुनिया ने अपने सबसे पुराने संगी के विदा होने पर प्रकाशित शोकाकुल संपादकीय के पहले ही वाक्य में लिखा- श्री राहुल बारपुते के नाम के पहले स्वर्गीय लिखने से बड़ी वेदना इस समाचार पत्र के लिए और क्या हो सकती है।