गाजियाबाद से खबर है कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया है कि वह पत्रकार शैलेंद्र सिंह के परिजनों को एक करोड़ 98 लाख रुपये का मुआवजा दे। शैलेंद्र सिंह की 2009 में सड़क दुघर्टना में मौत हो गई थी। शैलेंद्र सिंह की पत्नी मेहदी वरदान, नाबालिग पुत्री आस्था और पुत्र आयाम की ओर से अदालत में मोटर दुर्घटना प्रतिकर (मुआवजा) याचिका दायर की गई थी।
याचिका वाहन चालक दीपक, वाहन मालिक रामनाथ और इंश्योरेंस कंपनी दि न्यू इंडिया इंश्योरेंस के खिलाफ दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि 42 वर्षीय शैलेंद्र सिंह एक बडे़ इलेक्ट्रॉनिक चैनल में सीनियर एडिटर थे। 18 जून 2009 को एक वाहन की टक्कर से उनकी मौत हो गई थी।
याचिका में कहा गया था कि शैलेंद्र को चैनल से 1.65 लाख रुपये प्रति माह वेतन और अन्य सुविधाएं भी मिलती थीं। उन्होंने कई किताबें भी लिखी थी, इसलिए उन्हें रायल्टी के रूप में अच्छी खासी आय प्राप्त होती थी। अदालत से शैलेंद्र के परिजनों को प्रतिकर के रूप में चार करोड़ 20 लाख 15 हजार रुपये दिलाए जाने की मांग की गई थी।
मेहंदी वरदान के अधिवक्ता सुदेश कुमार व भिशन कुमार ने बताया कि अदालत ने दोनों मामलों को सुना और बीमा कंपनी को आदेश दिया कि शैलेंद्र सिंह के परिजनों को एक करोड़ 98 लाख 45 हजार रुपये बतौर प्रतिकर दे। 8 सितंबर 2010 से छह प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देने का आदेश दिया गया है। कंपनी को कहा गया है कि प्रतिकर की धनराशि न्यायाधिकरण के खाते में जमा कराई जाए।
इस धनराशि से शैलेंद्र की पुत्री आस्था व पुत्र आयाम को 40-40 लाख रुपये दिए जाएंगे। बाकी धनराशि मय ब्याज पत्नी मेहंदी वरदान को दी जाएगी। आस्था और आयाम को दी जाने वाली धनराशि उनके नाम पर उनके वयस्क होने के तक किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के सावधि जमा खाते में जमा किए जाएंगे। पत्नी को प्राप्त होने वाली धनराशि में से 25-25 लाख रुपये की दो एफडीआर के रूप में अगले तीन वर्ष के लिए सावधि जमा की जाएगी। शेष धनराशि पत्नी को एकांउटपेयी चेक के माध्यम से दी जाएगी।