दिल्ली। इंडिया टीवी के स्टिंग में पैसा मांगते पाए गए 11 प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव आयोग ने रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. आयोग ने यूपी के जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं. आयोग के अधिकारियों के निर्देश के बाद शनिवार की रात गाजियाबाद प्रशासन ने नरेंद्र सिसोदियाके खिलाफ मोदीनगर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है. अन्य दस प्रत्याशियों के खिलाफ रविवार की शाम तक रिपोर्ट दर्ज करा दी जाएगी.
स्टिंग का वीडियो टेप देखने के बाद आयोग ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए धन लेना या देना आईपीसी के तहत रिश्वतखोरी का अपराध है. इसलिए इसमें लिप्त पाए गए लोगों को बख्शा नहीं जा सकता. आयोग ने कहा है कि स्टिंग में दिखाए गए मामले बेहद संगीन हैं और इससे निपटने के लिए कानून में संशोधन की जरूरत है चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से एक अध्यादेश जारी कर रिश्वतखोरी को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाने के लिए कानून में जरूरी संशोधन करने की अपील भी की है.
आयोग ने कहा है वोटरों को प्रभावित करने की नीयत के साथ ही चुनावी खर्चे के लिए धन लेने की बात स्वीकार करने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ आरोप साबित हुए तो उन्हें एक साल तक ही जेल होगी या फिर जुर्माना देना होगा. अगर वह चुने जाते हैं तो उन्हें अयोग्य भी ठहराया जा सकता है और भविष्य में चुनाव लड़ने पर पाबंदी भी लगाई जा सकती है. आयोग ने आयकर विभाग से भी धन के स्रोत की जांच करने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि इंडिया टीवी ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में कई राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को कारपोरेट से धन लेने की बात कबूलते दिखाया है. यह धन उन्होंने यूपी में हो रहे विधानसभा चुनाव के खर्चे के लिए स्वीकार किया है. इसमें कुछ भावी उम्मीदवारों को यह भी कबूलते हुए दिखाया गया है कि उनका चुनावी खर्च एक करोड़ से लेकर तीन करोड़ के बीच बैठेगा. इसमें से धन का कुछ हिस्सा तो डमी उम्मीदवार के नाम पर खर्च किया जाएगा और वोटरों को शराब और पैसा बांटने के लिए भी इस्तेमाल होगा. आयोग ने उन पार्टियों से भी अपने स्तर पर जांच कराने की अपील की है, जिनके प्रत्याशी इस स्टिंग आपरेशन में पकड़े गए हैं.