देहरादून से खबर है कि नेटवर्क10 के पत्रकार मोहक शर्मा को कुछ पुलिसकर्मियों ने जमकर पीटा. पुलिस कर्मियों ने मोहक पर हमला उस समय किया, जब वे अपने काम को खतम करने के बाद आफिस से निकले थे. मोहक के साथ एक ड्राइवर तथा ग्राफिक्स का बंदा भी था, परन्तु पुलिसवालों ने उन्हें ही अपना निशाना बनाया. उन पर हमला क्यों किया गया इसकी जानकारी नहीं मिल पाई. मोहक को आंख पर तथा शरीर के कई अंगों पर चोटें आई हैं. इस हमले के आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इस घटना के बाद से पत्रकारों में रोष है.
मोहक फेसबुक पर लिखते हैं कि '' यशवंत जी, देहरादून की घटना है, काम से फ्री होकर ऑफिस से निकला ही था, कुछ पुलिसकर्मियों ने हमला किया मुझ पर, कहीं टीवी पे देखते होंगे मुझे शायद इसलिए मुझे ही निशाना बनाया गया, दो साथी और थे, एक ग्राफ़िक का बन्दा था एक ड्राईवर था, लेकिन मुझे ही मारा पीटा गया. पीटते हुए कह रहे थे कि बड़ा पत्रकार बनते फिरता है,
इनकाउन्टर कर दो साले का यहीं, आँख पर लगी मेरी ये चोट पुलिस वाले ने अपनी पिस्टल की बट से दी है. मैं चिलाता रहा कि आप इस तरह से मीडिया वाले को क्यों मार पीट रहे हो लेकिन वो कहाँ सुनने वाले थे. हाँ तमाम मीडिया चैनल्स ने साथ दिया मेरे लिए ये खुशी की बात है. एक बार फिर साबित हो गया कि मीडिया एक है, हम सब में एकता है, लेकिन एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जब हम लोग जिन्हें लोकत्रंत का चौथा स्तभं कहा जाता है वही अगर सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी कहाँ जायेगा. जहाँ तक मुझे लगता है कि मेरे बेबाकी से दो टूक तरीके से पूछे जाते सवाल ही मेरी ठुकाई का कारण बनते हैं. इससे पहले भी मध्यप्रदेश के एक विधायक ने मुझे जान से मारने की धमकी दी थी. ख़ैर वह मामला पुराना हो गया, पर सवाल अब तक बरक़रार है, कि आम आदमी आखिरकार कहाँ जाए…!! कुछ भी हो यशवंत जी लेकिन ईमानदारी से बताऊ तो मैं अपना ये तरीका नहीं बदलने वाला. अंदाज़ भी वही रहेगा और स्फूर्ति भी वही…!! फिलहाल पुलिस वालों को सस्पेंड करवा दिया है….!!!