Connect with us

Hi, what are you looking for?

No. 1 Indian Media News PortalNo. 1 Indian Media News Portal

आवाजाही, कानाफूसी...

जागरण में बंपर छंटनी (11) : ब्‍याज की राशि चुकाने के लिए मीडियाकर्मी किए जा रहे हैं बाहर!

: कानाफूसी : दैनिक जागरण में अभी छंटनी का दौर चल रहा हैं, लेकिन शायद किसी को यह नहीं पता कि आखिर यह क्यों चल रहा है. लेकिन असल मायने में बात यह है कि यह जागरण की एक ख़ास रणनीति है, जिसमें उसे 1 करोड़ की तनख्वाह पूरी हो जाने तक कर्मचारी निपटाने हैं, क्योंकि जागरण ने अभी हाल में नई दुनिया का अधिग्रहण किया हैं, जिसमें उसे नई दुनिया को खरीदने के लिए दिए गए 300 करोड़ के ब्याज से पार पाना है.

: कानाफूसी : दैनिक जागरण में अभी छंटनी का दौर चल रहा हैं, लेकिन शायद किसी को यह नहीं पता कि आखिर यह क्यों चल रहा है. लेकिन असल मायने में बात यह है कि यह जागरण की एक ख़ास रणनीति है, जिसमें उसे 1 करोड़ की तनख्वाह पूरी हो जाने तक कर्मचारी निपटाने हैं, क्योंकि जागरण ने अभी हाल में नई दुनिया का अधिग्रहण किया हैं, जिसमें उसे नई दुनिया को खरीदने के लिए दिए गए 300 करोड़ के ब्याज से पार पाना है.

यह राशि लगभग 30 लाख रुपया प्रतिमाह की है. इसी प्रकार से जागरण समूह जल्द ही एक नए समूह को भी खरीदने के प्रयास में लगा हुआ है, जिसके कारण यह छंटनी की जा रही है, जो कि लगभग 1 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करेगी. जागरण प्रबंधन द्वारा यह तय किया गया है कि जो लोग लगभग पुराने घाघ हो चुके हैं व 30,000 रुपये प्रतिमाह या उसके आसपास वेतन पा रहे हैं, उन्हें निपटाकर उस क्षतिपूर्ति से पार पाया जा सके.

दूसरी ओर जागरण समूह को जागरण इंस्‍टीट्यूट आफ मॉस कम्युनिकेशन में भी प्लेसमेंट को लेकर लगातार दिक्कतें आ रही हैं. इस बीच एक चैनल के अधिग्रहण की भी तैयारियां चल रही हैं, जिससे एक पंथ दो काज हो करने की रणनीति बना रहा है जागरण प्रबंधन. इसी के चलते नए लड़कों को उसी तरह से प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं जैसे पाकिस्तान में जेहाद के नाम दिया जाता है. हालांकि जागरण में यह अभी शुरुआत है, जिसमें प्रबंधन की फुल फ्लेज में बड़े घाघों को निपटाने की योजना है. इसके तहत यह निर्णय लिया गया है कि बड़े घाघ अब मीडिया की इस स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हो चुके हैं कि इसमें अब कोई तंत्र नहीं है, इसलिए उनमें अब करंट नहीं रह गया है. यही कारण है कि अब उनकी जगह जल्द ही बेहद फुर्तीले, जोश व उमंग से भरे नए लड़कों को मैदान मे उतारा जायेगा.

इससे दो फायदे होंगे पहला तो यह कि बड़ी तनख्वाह की इस राशि में जागरण चार लड़के मैदान में उतार पाएगा. तो दूसरी ओर पुराने घाघों के चलते जागरण की हर यूनिट में चलने वाली राजनीति से भी छुटकारा मिल जायेगा. क्‍योंकि नए लड़कों को शुरुआती दौर में यूनिटों में चलने वाली राजनीति से कोई मतलब नहीं होगा, वह तो बुढ़ा मरे या जवान हमें क्‍या मतलब की तर्ज पर काम करेंगे. इसके लिए इन लड़कों को मैदान में उतारने की ट्रेनिंग बाकायदा जागरण प्रबंधन के विश्‍वासपात्र वरिष्ठ देंगे. इसमें सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जागरण की मुख्य पावर में भी पावर आ जाएगी, मीडिया संस्थान चलेगा सो अलग. यही कारण है कि अब लगातार छंटनी का दौर जारी है, जो आगे भी चलता दिखेगा.


Related News-  jagran chhatni

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

… अपनी भड़ास [email protected] पर मेल करें … भड़ास को चंदा देकर इसके संचालन में मदद करने के लिए यहां पढ़ें-  Donate Bhadasमोबाइल पर भड़ासी खबरें पाने के लिए प्ले स्टोर से Telegram एप्प इंस्टाल करने के बाद यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Advertisement

You May Also Like

विविध

Arvind Kumar Singh : सुल्ताना डाकू…बीती सदी के शुरूआती सालों का देश का सबसे खतरनाक डाकू, जिससे अंग्रेजी सरकार हिल गयी थी…

सुख-दुख...

Shambhunath Shukla : सोनी टीवी पर कल से शुरू हुए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप के संदर्भ में फेसबुक पर खूब हंगामा मचा।...

विविध

: काशी की नामचीन डाक्टर की दिल दहला देने वाली शैतानी करतूत : पिछले दिनों 17 जून की शाम टीवी चैनल IBN7 पर सिटिजन...

प्रिंट-टीवी...

जनपत्रकारिता का पर्याय बन चुके फेसबुक ने पत्रकारिता के फील्ड में एक और छलांग लगाई है. फेसबुक ने FBNewswires लांच किया है. ये ऐसा...

Advertisement