दैनिक जागरण, नोएडा में जातिवाद का जमकर बोलबाला हैं. छंटनी में जमकर भेदभाव किया जा रहा है. अगर आप गैरब्राह्मण हैं और पास हैं तब भी आपकी नौकरी नहीं बचने वाली, परन्तु आप आंतरिक परीक्षा में फेल हैं लेकिन ब्राह्मण हैं तो आपके नौकरी पर कोई खतरा नहीं. यह कोई आरोप नहीं है बल्कि सच्चाई है, जिसकी चर्चा हर किसी के जुबान पर है. लोग इसके उदाहरण भी दे रहे हैं. छंटनी के शिकार कर्मचारी आरोप लगा रहे हैं कि अगर आप ब्राह्मण हैं तो आपकी नौकरी यहां पक्की है.
आरोप है कि प्रबंधन में शामिल उच्च पदस्थ ब्राह्मण अपने जाति के फेल हुए लोगों को बचा लिया है. छंटनी के शिकार कर्मचारियों ने जो सूचना दी है उसके अनुसार सीनियर सब एडिटर के पद पर कार्यरत वी. सुदामा, जिनका क्रमांक जेडी 0737 है, इन्होंने 100 नम्बर की परीक्षा में मात्र 22 अंक प्राप्त किए हैं इसके बाद भी इनकी नौकरी सुरक्षित है. इसी प्रकार जेडी0238 क्रमांक वाले विजय नारायण तिवारी 26 अंक, जेडी0161 अरविंद विश्राम 26 अंक, जेडी0443 विश्वनाथ झा 29 अंक, जेडी2405 रमेश ठाकुर, जेडी0499 राधेश्याम तिवारी 30 नम्बर, जेडी2269 ब्रिजेश कुमार तिवारी 29 नम्बर तथा जूनियर सब वाईएन झा 24 अंक प्राप्त किए हैं, जो जागरण की परीक्षा के निर्धारित अंक के अनुसार फेल हैं. इसके बाद भी इन लोगों की नौकरी बची हुई है.
जबकि इन लोगों से ज्यादा नम्बर पाने वाले कई गैर ब्राह्मणों को छंटनी के नाम पर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया ताकि इन लोगों को बचाया जा सके. जनरल डेस्क पर कार्यरत धर्मेंद्र सिंह तथा जेपी यादव पचास से ज्यादा नम्बर पाकर पास थे, परन्तु प्रबंधन ने उन लोगों को नकल करने के आरोप में लटका दिया. इस इसलिए किया गया कि इन दोनों की जगह ब्राह्मण लॉबी को बचाया जा सके. खबर है कि रिपोर्टिंग करने वाली गैर ब्राह्मण कल्पना बिष्ट से भी प्रबंधन ने इस्तीफा ले लिया है. गैर ब्राह्मणों से धमकी देकर या जबरदस्ती करके इस्तीफा लिया जा रहा है. जबकि अपने लोगों को बचाया जा रहा है. खबर है कि इसमें निशिकांत ठाकुर, किशोर झा, विष्णु त्रिपाठी की लॉबी पूरी तरह से सक्रिय है. मालिक पैसे के आगे धृत्राष्ट्र बने हुए हैं. उनके कुछ भी गलत सही नहीं दिख रहा है.
Related News- jagran chhatni