प्रेस क्लब के सदस्य एवं दैनिक भास्कर के पत्रकार अभिषेक उपाध्याय को टर्मिनेट करने के मामले में पटियाला कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई के दौरान मीटिंग मिनट्स के रिकार्ड में गड़बड़ी को संज्ञान में लेते हुए इस कार्रवाई में शामिल सभी सोलह लोगों को अगली तारीख पर उपस्थित होने का फरमान सुनाया है. कोर्ट ने संदीप दीक्षित को आदेश दिया है कि अभिषेक को प्रेस क्लब की सदस्यता से टर्मिनेट करने में शामिल सभी 16 लोगों को 3 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई में लेकर उपस्थित हों.
गौरतलब है कि अभिषेक सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 2011 के अगस्त माह में प्रेस क्लब के सदस्य बने थे. अभिषेक सदस्य बनने के बाद प्रेस क्लब में व्याप्त कुछ गड़बडि़यों को लेकर आवाज उठाने लगे. यह बात प्रेस क्लब के तत्कालीन महासचिव संदीप दीक्षित को नागवार गुजरी. उन्होंने अभिषेक उपाध्याय को अपना पक्ष रखने का मौका दिए बगैर प्रेस क्लब की सदस्यता से टर्मिनेट कर दिया तथा इंट्री पर पाबंदी लगा दी. अभिषेक ने महासचिव संदीप दीक्षित को पत्र लिखकर टर्मिनेट किए जाने का कारण पूछा पर उनको कोई जवाब नहीं दिया गया.
प्रेस क्लब के गैरकानूनी तथा अवैधानिक रवैये से परेशान अभिषेक ने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. पटियाला हाउस में उन्होंने खुद को टर्मिनेट किए जाने का मुकदमा दायर किया. पहली बार इस मामले में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभिषेक को प्रेस क्लब के चुनाव में मतदान का अधिकार बहाल करते हुए अगली सुनवाई की तारीख चार फवरी तय कर दी थी. आज इसी मामले में सुनवाई के दौरान सभी सोलह लोगों की कोर्ट में परेड कराने का आदेश पारित किया गया है.
आज की सुनवाई में प्रेस क्लब की तरफ से पूर्व महासचिव संदीप दीक्षित, कोषाध्यक्ष नदीम काजमी और उनके वकील तथा इधर से अभिषेक उपाध्याय कोर्ट में पेश हुए. प्रेस क्लब की तरफ से उनके वकील ने पक्ष रखा जबकि अभिषेक ने कोर्ट में अपना पक्ष खुद रखा. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एवं मीटिंग मिनट्स की रिकार्ड में गड़बड़ी पाए जाने के बाद अभिषेक को टर्मिनेट करने वाले आदेश पर हस्ताक्षर करने वाले मैनेजिंग कमेटी के सभी सोलह लोगों को साथ लेकर अगली सुनवाई पर उपस्थित होने का आदेश दिया.
कोषाध्यक्ष नदीम काजमी के यह कहने पर कि जिन लोगों ने इस पर हस्ताक्षर किया था, वो अगर कोर्ट में मुकरा तो नोटिस दिया जाएगा, कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप किसी का राइट टू फ्रीडम कैसे रोक सकते हैं. आप किसी पर दबाव डालकर अपनी बात मनवाने के लिए कैसे कह सकते हैं. कोर्ट ने अभिषेक उपाध्याय के प्रेस क्लब में इंट्री पर रोक को भी हटा दिया है. अभिषेक ने दलील दिया था कि प्रेस क्लब में कई कांफ्रेंस एवं विचार विमर्श के कार्यक्रम आयोजित होते हैं, लिहाजा उनको अपने प्रोफेशन के लिहाज से कवर करने जाना पड़ता है. इस स्थिति में अगर उनको इंट्री नहीं मिली तो प्रोफेशन पर प्रभाव पड़ेगा.
अभिषेक की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि इनकी प्रोफेशन जरूरतों को देखते हुए इनकी प्रेस क्लब में इंट्री नहीं रोकी जा सकती. कोर्ट ने सिगरेट पीकर आने पर संदीप दीक्षित को फटकार लगाई तथा ताकीद की कि आगे से वे सिगरेट पीकर अदालत में प्रवेश नहीं करेंगे. कोर्ट ने सभी सोलह लोगों को लाने की जिम्मेदारी भी संदीप दीक्षित को दी है. अब देखना है कि अगली सुनवाई पर कितने लोग अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित होते हैं.
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कोर्ट का फैसला अभिषेक के पक्ष में, कर सकेंगे प्रेस क्लब के चुनाव में मतदान