कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम के जरिए पैसा जुटाकर निवेशकों को धोखा देने वाली कंपनियों सेबी ने कड़ी चेतावनी दी है। सेबी ने सहारा ग्रुप का नाम लिए बिना कहा कि सहारा के निवेशकों को पैसे लौटाने के दावे पर विश्वास नहीं किया जा सकता। सेबी के अनुमान के मुताबिक कई कंपनियों ने बड़े रिटर्न के वादे के साथ करीब 10,000 करोड़ जुटाएं हैं। सेबी के मुताबिक इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
सेबी चेयरमैन का इशारा सहारा की ओर है। निवेशकों को 20,000 करोड़ रुपये लौटाने के सहारा के दावे पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सेबी चेयरमैन यूके सिन्हा के मुताबिक देश में सोने और रियल एस्टेट में बढ़ते निवेश की चिंता के साथ ही एक और बड़ी चिंता है देश में तेजी से पनप रहा ग्रे मार्केट। सेबी प्रमुख के मुताबिक देश में कई कंपनियां कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम के नाम पर निवेशकों से पैसा जुटाकर उनके साथ धोखा कर रही हैं।
इन स्कीमों के जरिए 10,000 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं। सेबी इन स्कीमों की बारीकी से जांच करेगा और गलती पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। सेबी चेयरमैन ने ये भी माना कि कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट रेगुलेशन मे बड़े बदलाव की जरूरत है। फिलहाल कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट को सेबी रेगुलेट करता है। लेकिन इसमें कोऑपरेटिव सोसायटी, निधी स्कीम, चिट फंड को छूट है। जिसका कई कंपनियां गलत फायदा उठा रही हैं और निवेशकों से बड़े पैमाने पर पैसा इकट्ठा किया जा रहा है। सेबी के मुताबिक इन स्कीमों के लिए एक अलग रेगुलेटर की जरूरत है।
सेबी चेयरमैन ने कहा कि निवेशकों के लिए सेबी अगले सप्ताह से निवेशक जागरुकता अभियान शुरु करेगा। अगर आपको भी कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम से जुड़ी कोई शिकायत करनी हो तो आप सेबी के टोल फ्री नंबर 1800 266 7575 पर शिकायत कर सकते हैं। वहीं अगर किसी कंपनी की सेवा में कोई दोष है तो आप कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटा सकते हैं। और अगर आपका चेक बाउंस हुआ है तो आप कोर्ट भी जा सकते हैं। तो ऐसी किसी भी स्कीम में निवेश करने से पहले हजार बार सोंचे क्योंकि बाद में आपको कहीं पछताना न पड़े। (मनी कंट्रोल)