समकालीन हिन्दी कविता के विशिष्ट सम्मान ‘केदार सम्मान’ वर्ष 2012 के लिए प्रकाशकों, रचनाकारों एवं उनके शुभचिन्तकों से 30 नवम्बर 2012 तक – पिछले चार वर्षो तक प्रकाशित कविता संकलनों की दो प्रतियां आमंत्रित की जाती है । वे रचनाकार इस सम्मान हेतु अपने कविता संकलन भेज सकतें हैं जिनकी कविता की प्रकृति जनकवि केदारनाथ अग्रवाल की परम्परा में प्रकृति एवं मानव मन के जुड़ावों के साथ, आदमी के श्रम एवं संघर्षों में वैज्ञानिक चेतना के हिमायती हो और जिनका जन्म 15 अगस्त 1947 के बाद हुआ हो।
इस विशिष्ट सम्मान से अब तक समकालीन हिन्दी कविता के इन रचनाकारों को सम्मानित किया जा चुका है – नासिर अहमद सिकन्दर, एकांत श्रीवास्तव , कुमार अंबुज, विनोद दास , गगनगिल, हरीष्चन्द्र पाण्डे, अनिल कुमार सिंह , हेमन्त कुकरेती, नीलेष रघुबंशी, आशुतोष दुबे, बद्री नारायण, अनामिका, दिनेश कुमार शुक्ल ,अष्टभुजा शुक्ल, पंकज राग, पवन करण।
समकालीन हिन्दी कहानी के विशिष्ट सम्मान ‘‘कृष्ण प्रताप कथा सम्मान वर्ष 2012’’ के लिए समकालीन कहानीकारों , प्रकाशकों एवं उनके शुभचिन्तकों से पिछले तीन वर्ष में प्रकाशित कहानी संग्रहों की दो प्रतियां आमंत्रित की जाती हैं । अब इस विशिष्ट कथा सम्मान से कथाकार बन्दना राग को उनके कहानी संग्रह ‘युटोपिया’ एवं मनीषा कुलश्रेष्ठ को उनके कहानी संग्रह ‘केअर आफ स्वात घाटी’ के लिए सम्मानित किया जा चुका है। प्रविष्टियां 31 दिस0 2012 तब आमंत्रित हैं।
नरेन्द्र पुण्डरीक
संयोजकः कृष्ण प्रताप कथा सम्मान
एवं
सचिवः केदार शोध पीठ, न्यास, बांदा
मोबाइल – 09450169568.
चण्डीदत्त शुक्ल को वर्ष के श्रेष्ठ कथाकार का सम्मान
जयपुर : पिछले दिनों लखनऊ के राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में युवा पत्रकार, कवि, कथाकार और अहा! ज़िंदगी के फीचर संपादक चण्डीदत्त शुक्ल को वर्ष के श्रेष्ठ लेखक (कथा-कहानी) के तस्लीम परिकल्पना सम्मान-2011 से अलंकृत किया गया। चर्चित साहित्यकार मुद्राराक्षस, कहानीकार ने चण्डीदत्त को अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मान से नवाजा। इस अवसर पर कथाकार शिवमूर्ति और रंगकर्मी राकेश भी उपस्थित थे।
चण्डीदत्त के अलावा, आयोजन में ब्लॉगिंग जगत की विभिन्न प्रमुख हस्तियों को अलग-अलग श्रेणियों में अलंकृत किया गया। आयोजक रवींद्र प्रभात, अविनाश वाचस्पति और जाकिर अली रजनीश ने बताया कि दशक के पांच श्रेष्ठ ब्लॉगरों को भी सम्मान दिए गए। इसके साथ वैश्विक ब्लॉगिंग को बढ़ावा देने के लिए ये सम्मान समारोह शुरू किया गया है। रवींद्र ने यह भी कहा कि ईनाम-अलंकरण देने के लिए बाकायदा ऑनलाइन वोटिंग कराई गई और इसमें अव्वल रहे लोगों को ही सम्मान का हकदार माना गया।
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