Connect with us

Hi, what are you looking for?

No. 1 Indian Media News PortalNo. 1 Indian Media News Portal

विविध

22 साल में 44 बार तबादले की मार खाकर भी खेमका शेर बने हुए हैं

हरियाणा सरकार बैठे-बिठाए अपने सिर मुसीबत मोल ले रही है। उसने अपने बहुचर्चित अफसर अशोक खेमका को एक आरोप-पत्र थमा दिया है। यह आरोप-पत्र उनके घर पर रात को साढ़े आठ बजे थमाया गया। वे खुद घर पर नहीं थे। उनके 16-17 साल के बेटे को मजबूर किया गया कि वह आरोप-पत्र ले और रसीद पर दस्तखत करे। इस घटना ने उनके घर में तनाव पैदा कर दिया, जिसकी खेमका ने निंदा की है और उसे आतंकित करने वाली कार्रवाई कहा है। उनकी 73 वर्षीय रुग्ण मां पर इस घटना का बुरा असर पड़ा है।
हरियाणा सरकार बैठे-बिठाए अपने सिर मुसीबत मोल ले रही है। उसने अपने बहुचर्चित अफसर अशोक खेमका को एक आरोप-पत्र थमा दिया है। यह आरोप-पत्र उनके घर पर रात को साढ़े आठ बजे थमाया गया। वे खुद घर पर नहीं थे। उनके 16-17 साल के बेटे को मजबूर किया गया कि वह आरोप-पत्र ले और रसीद पर दस्तखत करे। इस घटना ने उनके घर में तनाव पैदा कर दिया, जिसकी खेमका ने निंदा की है और उसे आतंकित करने वाली कार्रवाई कहा है। उनकी 73 वर्षीय रुग्ण मां पर इस घटना का बुरा असर पड़ा है।
 
समझ में नहीं आता कि भूपेंद्र हुड्डा सरकार को ऐसा क्या आपातकाल महसूस हुआ कि वह आरोप-पत्र उसने खेमका को उसी रात थमाने की जिद कर ली? क्या खेमका देश छोड़कर भागे जा रहे थे या नौकरी से इस्तीफा दे रहे थे या अदालत से सरकार के खिलाफ कोई तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे थे? यह जल्दबाजी क्या इस बात का संकेत नहीं देती कि कांग्रेस के नेताओं, खासकर प्रांतीय नेताओं ने अपने आप को केंद्रीय नेताओं के घरेलू सेवकों के स्तर पर उतार लिया है? कहीं मालिक नाराज़ न हो जाए, इसलिए वह खुद जितनी जल्दी कर सकता है, उससे भी ज्यादा जल्दी दिखाई जाए। शायद इसी इच्छा ने खेमका के आरोप-पत्र को हवाई जहाज की गति से उनके घर पहुंचाया।
 
हरियाणा सरकार ने खेमका को आरोप-पत्र देने के पहले एक आंतरिक जांच बिठाई। उस जांच में उसने राबर्ट वाड्रा के भूमि-सौदे को जायज़ ठहरवा लिया और अब उसे उतावली पड़ गई कि खेमका को जल्दी से जल्दी चित किया जाए। उन पर कई अन्य आरोप भी थोप दिए गए। खेमका ने सब आरोपों के उत्तर 24 घंटे में ही मुख्य सचिव को भेज दिए हैं। खेमका को आरोप पत्र देने के पहले ही वह एक अखबार में पहुंचा दिया गया और उन पर आरोप लगाया कि वे बार-बार टीवी और अखबारों में चले जाते हैं।
 
जाहिर है अपने अफसर को मर्यादा का उपदेश देने वाली सरकार खुद ही मर्यादा भंग कर रही है। वह अपनी दाल खुद जूतों में बंटवा रही है। खेमका डरपोक आदमी नहीं है। वह 22 साल में 44 बार तबादले की मार खाकर भी शेर बने हुए हैं। सारे देश की सहानुभूति उनके साथ है। हो सकता है कि उन्होंने अपने कर्तव्य-निर्वाह में कहीं अति कर दी हो लेकिन ऐसे ईमानदार अफसर से निपटने का यह तरीका कांग्रेस को काफी भारी पड़ेगा। उसे हरियाणा में ही नहीं, सारे देश में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। हुड्डा इसे प्रशासनिक मामला समझे हुए हैं। यह अब राजनीतिक मामला बन गया है। अकेले खेमका उनके लिए कुलदीप विश्नोई और ओमप्रकाश चौटाला से ज्यादा खतरनाक सिद्ध हो सकते हैं लेकिन क्या करें, कांग्रेस में हैं तो स्वामिभक्ति के बिना काम कैसे चलेगा?
 
लेखक वेद प्रताप वैदिक वरिष्ठ पत्रकार हैं.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

… अपनी भड़ास [email protected] पर मेल करें … भड़ास को चंदा देकर इसके संचालन में मदद करने के लिए यहां पढ़ें-  Donate Bhadasमोबाइल पर भड़ासी खबरें पाने के लिए प्ले स्टोर से Telegram एप्प इंस्टाल करने के बाद यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Advertisement

You May Also Like

विविध

Arvind Kumar Singh : सुल्ताना डाकू…बीती सदी के शुरूआती सालों का देश का सबसे खतरनाक डाकू, जिससे अंग्रेजी सरकार हिल गयी थी…

सुख-दुख...

Shambhunath Shukla : सोनी टीवी पर कल से शुरू हुए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप के संदर्भ में फेसबुक पर खूब हंगामा मचा।...

विविध

: काशी की नामचीन डाक्टर की दिल दहला देने वाली शैतानी करतूत : पिछले दिनों 17 जून की शाम टीवी चैनल IBN7 पर सिटिजन...

प्रिंट-टीवी...

जनपत्रकारिता का पर्याय बन चुके फेसबुक ने पत्रकारिता के फील्ड में एक और छलांग लगाई है. फेसबुक ने FBNewswires लांच किया है. ये ऐसा...

Advertisement