दैनिक जागरण में छंटनी और तबादलों का दौर जारी है. बरेली और बनारस से खबर है कि एक पत्रकार का तबादला किया गया है तो दो लोगों से इस्तीफे ले लिए गए हैं. पहले खबर बरेली से. बरेली में प्रबंधन ने कर्मचारियों से इस्तीफा देने को कहा था. सभी लोगों ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद प्रबंधन ने इन लोगों के कार्यालय के भीतर घुसने पर रोक लगा दी थी. सभी कर्मचारी रुहेलखंड मीडिया वर्कर एसोसिएशन के बैनर तले लेबर कमिश्नर के पास पहुंचे थे. मामले में कानूनी पेंच घुसते देख प्रबंधन ने यू टर्न ले लिया है.
सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन ने लेबर कमिश्नर के सामने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि इन पांच पत्रकारों से इस्तीफा मांगा गया है या कार्यालय में आने पर रोक लगाई गई है. इसके बाद कार्यालय पहुंचे सुधांशु श्रीवास्तव को प्रबंधन ने तबादले की चिट्ठी थमा दी है. प्रबंधन सुधांशु श्रीवास्तव का तबादला रांची के लिए कर दिया है. प्रबंधन ने देखा कि जब सीधी उंगली से घी नहीं निकल रहा है तो उसने तबादला नीति अपना लिया. इसी तरह का गोरखपुर में भी किया गया था, जब एक पत्रकार के आत्मदाह की चेतावनी से बौखलाए प्रबंधन चार का तबदला दूसरे यूनिटों के लिए कर दिया था. इनमें से तीन पत्रकार इस्तीफा दे दिए. बरेली में भी यही दांव अपनाया गया है. अब देखना है कि पत्रकार इस मसले पर कौन सा रुख अपनाते हैं.
दूसरी तरफ बनारस यूनिट से खबर है कि यहां पर दो लोगों का इस्तीफा ले लिया गया है. जिन लोगों के इस्तीफे लिए गए हैं उनमें प्रथम पेज देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रकाश एवं रेलवे बीट देखने वाले काजल चटर्जी शामिल हैं. ये दोनों लोगों लम्बे समय से दैनिक जागरण को अपनी सेवाएं दे रहे थे, पर छंटनी की जद में आने से बच नहीं पाए. इसके पहले भी बनारस में प्रबंधन कई वरिष्ठों को बाहर का रास्ता दिखा चुका है.
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