जालंधर में दैनिक भास्कर के पत्रकार की कोर्ट से पुनर्वापसी से उत्साहित दैनिक जागरण, बिहार से निकाले गए कर्मचारी अब कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं. पूरे बिहार से निकाले गए कम से कम 23 पत्रकारों ने प्रबंधन को सबक सिखाने तथा कोर्ट में घसीटने की रणनीति तैयार की है. ये पत्रकार प्रबंधन से तीन मोर्चों पर लड़ाई लड़ेंगे. पत्रकार अपनी योजना का खुलासा सात जून के बाद करेंगे. अंदरखाने प्रबंधन को औकात बताने की पूरी तैयारी की जा चुकी है. साथ ही पत्रकार हिंदुस्तान की तर्ज पर प्रबंधन के एक ही आरएनआई पर कई एडिशन निकालने की सच्चाई को भी सामने लाने की योजना बना रहे हैं.
गुरुवार को इन पत्रकारों ने एक जगह बैठक करके निर्णय लिया है कि वे प्रबंधन के खिलाफ मानहानि, आपराधिक कार्रवाई का मामला दर्ज कराएंगे तथा उसे राजनैतिक मोर्चे पर भी घेरेंगे. इनमें वे वरिष्ठ पत्रकार भी शामिल हैं, जिनकी कई पार्टियों में तूती बोलती थी. और हाल फिलहाल कुछ महीनों के बाद वे रिटायर होने के कगार पर पहुंच चुके थे. अब इन वरिष्ठ पत्रकारों ने तय किया है कि अब उन्हें अपने करियर की चिंता नहीं लेकिन इस उम्र में धोखेबाजी करने वाले प्रबंधन को बिना हिचक सबक सिखाया जाए. इसके अलावा ये लोग प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, प्रेस काउंसिल, चीफ जस्टिस को भी ज्ञापन देकर इन समस्याओं को उठाएंगे.
पत्रकार प्रबंधन के खिलाफ कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे साथ ही उनको निकाले जाने या ऑफिस में नहीं घुसने देने के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई का मामला दर्ज कराएंगे. इसके बाद ये लोग राजनीतिक पार्टियों से मिलकर अपनी बात रखेंगे तथा उनसे इस संदर्भ में आवाज उठाने का आग्रह करेंगे. बताया जा रहा है कि इन पत्रकारों में कुछ तो लालू यादव के बहुत ही खास हैं. पत्रकारों ने तय किया है कि इस लड़ाई में धन की कमी आड़े नहीं आए इसके लिए सभी बाहर किए गए पत्रकार अपने अपने हिस्से का पांच हजार रुपये एकत्रिक करेंगे ताकि लड़ाई को किसी मोर्चे पर फेल नहीं होने दिया जाए.
सूत्रों का कहना है कि इन पत्रकारों को बाहर से वकील भी हायर नहीं करना होगा. इस्तीफा के लिए मजबूर किए गए पत्रकारों में एक पत्रकार अधिवक्ता भी हैं. जागरण के सभी कर्मियों की लड़ाई यही पत्रकार लड़ेंगे. बिहारी पत्रकार प्रबंधन को सबक सिखाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहते. सूत्र बताते हैं कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि ये लोग संपादक संजय गुप्ता, बिहार के संपादक शैलेंद्र दीक्षित, कमलेश त्रिपाठी व विष्णु त्रिपाठी समेत जागरण के कई वरिष्ठों को पक्षकार बनाएंगे. वेतन का पैसा अभी फंसा हुआ है इसलिए ये पत्रकार सात के बाद ही सामने आने की रणनीति तैयार की है.
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