Connect with us

Hi, what are you looking for?

No. 1 Indian Media News PortalNo. 1 Indian Media News Portal

प्रिंट-टीवी...

गिरती साख : जागरण के मुनाफे में 14 करोड़ का झटका

नई दिल्ली। आर्थिक सुस्ती और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में तेज गिरावट ने जागरण प्रकाशन लिमिटेड [जेपीएल] के मुनाफे की रफ्तार को भी धीमा कर दिया है। देश के सबसे बड़े अखबार दैनिक जागरण का प्रकाशन करने वाली इस कंपनी को रुपये की कीमत कम होने से विदेशी मुद्रा नुकसान उठाना पड़ा। इससे चालू वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही में कंपनी के मुनाफा भी कम हो गया है।

नई दिल्ली। आर्थिक सुस्ती और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में तेज गिरावट ने जागरण प्रकाशन लिमिटेड [जेपीएल] के मुनाफे की रफ्तार को भी धीमा कर दिया है। देश के सबसे बड़े अखबार दैनिक जागरण का प्रकाशन करने वाली इस कंपनी को रुपये की कीमत कम होने से विदेशी मुद्रा नुकसान उठाना पड़ा। इससे चालू वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही में कंपनी के मुनाफा भी कम हो गया है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में डॉलर की मजबूती और घरेलू आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले बीते छह महीने में तीस प्रतिशत से भी अधिक गिरी है। इसके चलते पहली तिमाही में जेपीएल को 13.78 करोड़ रुपये का विदेशी मुद्रा नुकसान हुआ है। इसके बावजूद कंपनी पहली तिमाही में 55.73 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित करने में सफल रही है। कंपनी चाहती तो इस नुकसान की भरपाई के लिए अन्य विकल्पों का इस्तेमाल भी कर सकती थी। लेकिन कंपनी ने परंपरागत अकाउंटिंग नीति पर चलने का फैसला लिया।

कंपनी की गुरुवार को हुई बोर्ड बैठक में पहली तिमाही के नतीजों को मंजूरी दे दी। नतीजों पर टिप्पणी करते हुए जेपीएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक महेंद्र मोहन गुप्त ने कहा कि प्रतिकूल बाजार परिस्थितियों में जागरण टीम में शानदार काम किया है। यह और भी अच्छा होता यदि विनिमय दरों में तेज उतार-चढ़ाव नहीं होते, जिनकी वजह से कंपनी को विदेशी मुद्रा में नुकसान उठाना पड़ा।

इस अवधि में कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 317.52 करोड़ रुपये रहा। पिछली तीन तिमाही में कंपनी को विज्ञापन से मिलने वाले रेवेन्यू में भी अन्य प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले तेज वृद्धि हुई है। जागरण समूह 12 समाचार पत्र और पत्रिकाओं का प्रकाशन करता है जिनके सौ संस्करण और 250 उप-संस्करण हैं। ये सभी संस्करण देश भर में 15 राज्यों के 35 स्थानों से पांच अलग-अलग भाषाओं में प्रकाशित होते हैं। समूह द्वारा प्रकाशित समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की कुल पाठक संख्या 6.9 करोड़ है। साभार : जागरण

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

… अपनी भड़ास [email protected] पर मेल करें … भड़ास को चंदा देकर इसके संचालन में मदद करने के लिए यहां पढ़ें-  Donate Bhadasमोबाइल पर भड़ासी खबरें पाने के लिए प्ले स्टोर से Telegram एप्प इंस्टाल करने के बाद यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia 

Advertisement

You May Also Like

विविध

Arvind Kumar Singh : सुल्ताना डाकू…बीती सदी के शुरूआती सालों का देश का सबसे खतरनाक डाकू, जिससे अंग्रेजी सरकार हिल गयी थी…

सुख-दुख...

Shambhunath Shukla : सोनी टीवी पर कल से शुरू हुए भारत के वीर पुत्र महाराणा प्रताप के संदर्भ में फेसबुक पर खूब हंगामा मचा।...

विविध

: काशी की नामचीन डाक्टर की दिल दहला देने वाली शैतानी करतूत : पिछले दिनों 17 जून की शाम टीवी चैनल IBN7 पर सिटिजन...

प्रिंट-टीवी...

जनपत्रकारिता का पर्याय बन चुके फेसबुक ने पत्रकारिता के फील्ड में एक और छलांग लगाई है. फेसबुक ने FBNewswires लांच किया है. ये ऐसा...

Advertisement