: टैबलेट-दर-टैबलेट- उत्तर प्रदेश में घोटाले की नयी जमीन? : उत्तर प्रदेश में टैबलेट रिवोल्यूशन आने वाला है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पहले बजट में 2721 करोड़ रूपए छात्रों को टैब्लेट और लैपटॉप कंप्यूटर बांटने के लिए आवंटित किए गए है। मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव ने अब तो प्रदेश के बजट में टैबलेट बाँटने के लिये धन की व्यवस्था भी कर दी है। पर जो ट्रेंड चल रहा है कि आने वाली सरकारें पिछली सरकारों के कामों की बखिया उधेड़ती है और सरकारी खरीदें बिना कमीशन बाजी के हो नहीं सकती उसके हिसाब से प्रदेश में एक बड़ी सरकारी खरीद और उससे जुड़े एक नये घोटाले की जमीन तैयार हो रही है । बी.बी.सी के अनुसार 2721 करोड़ के टैबलेट बटेंगें। अगर दस प्रतिशत का भी मान लें तो 272 करोड़ का घोटाला तैयार है।
मैं टैबलेट पर वारी-वारी क्यों न जाऊँ। अभी-अभी हिन्दुस्तान (हिन्दी दैनिक) ने एक उत्तर प्रदेश के विकास की राह सुझाने के लिये एक ’कानक्लेव’ करायी थी, जिसमें अन्य लोगों के अलावा अखिलेश यादव, डाटाविंड (आकाश नाम से केन्द्र सरकार को टैबलेट देने वाली कम्पनी) के मुखिया और केन्द्र सरकार में आकाश टैबलेट के प्रणेता कपिल सिब्ब्ल एक मंच पर थे। केन्द्र सरकार के घोटालों की रफ्तार किसी से छुपी नहीं है। तो क्या ये मानें की यू.पी.ए. की सहयोगी समाज्वादी पार्टी अब कांग्रेस नीत गटबंधन से काफी तेजी से सीख रही है? इसे संजोग कहें या कुछ और कि इस कानक्लेव के कुछ ही दिनों के बाद टैबलेट के लिये प्रदेश के बजट में जुगाड़ हो गया।
केन्द्र सरकार अभी तक आकाश टैबलेट किसी को दे नहीं पायी है और प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश के हर गांव को टैबलेटमय करने के मुगालते में है। आगे-आगे देखिये होता है क्या? वैसे प्रदेश में और भी बड़ी समस्याएं हैं जिन पर लगातार जनता को टैबलेटें (आश्वासन) ही मिल रहें हैं। पर अब जब लाख दुखों और बीमारियों की एक टैबलेट आ गयी है तो इस नामाकूल जनता को अपनी सभी बीमारीयों का अन्त इसी टैबलेट में देखना चाहिये। अब तो प्रदेश को टैबलेट ही राखे !!
सचिन अग्रवाल, भड़ास ब्लाग से.