दिल्ली की एक अदालत ने हिंदुस्तान टाइम्स मीडिया कंपनी से सात साल पहले निकाले गए 272 कर्मचारियों को बहाल करने का आदेश दिया है. कर्मचारियों के वकील अश्विनी वैश ने बीबीसी को बताया कि लेबर कोर्ट ने इन कर्मचारियों को पिछली तारीख़ से वेतन और भत्ते देने का आदेश भी दिया है. उनका कहना है कि अक्तूबर 2004 में हिंदुस्तान टाइम्स मैनेजमेंट ने 362 कर्मचारियों को निकाल दिया था. बाद में 272 कर्मचारियों के अलावा बाक़ी ने इस फ़ैसले को स्वीकार कर लिया.
चुनौती : हिंदुस्तान टाइम्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव वर्मा ने कहा है कि उनकी कंपनी इस फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी. बीबीसी को भेजे एक बयान में उन्होंने अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा है, "ये पुराना मामला ऐसी कंपनी से संबंधित है जो अब काम नहीं करती. हमारे प्रमुख प्रकाशन एचएमवीएल और एचटीएमएल प्रकाशित करते हैं. एचएमवीएल और उसकी धारक कंपनी एचटीएमएल सूचीबद्ध हैं जो कि प्रशासन और कामगार संबंधी मामलों में उच्चस्तरीय मानकों का पालन करती हैं. ज़ाहिर है, हम लेबर कोर्ट के फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे."
कर्मचारियों के वकील अश्विनी वैश ने बताया कि मैनेजमेंट ने अदालत में कहा था कि हिंदुस्तान टाइम्स लिमिटेड कंपनी ने साढ़े तीन सौ से ज़्यादा कर्मचारियों से पूछा था कि क्या वो एचटी मीडिया लिमिटेड कंपनी में जाना चाहेंगे. जब कर्मचारियों ने इससे इनकार कर दिया तभी उन्हें निकाला गया. लेकिन कर्मचारियों के वकील के मुताबिक़ अदालत ने मैनेजमेंट की इस दलील को ख़ारिज करते हुए माना कि दोनों कंपनियों में कोई अंतर नहीं है.
कर्मचारियों के वकील अश्विनी वैश ने बीबीसी को बताया, "कर्मचारियों से मैनेजमेंट ने कभी पूछा ही नहीं कि वो एचटी मीडिया लिमिटेड कंपनी में काम करना चाहते हैं या नहीं." उन्होंने कहा कि मैंनेजमेंट को एक महीने के भीतर इस आदेश को लागू करना होगा, वैसे वो हाईकोर्ट में अपील करने को स्वतंत्र हैं.
मज़बूत यूनियन : एक ज़माने में हिंदुस्तान टाइम्स कर्मचारी यूनियन दिल्ली के मीडिया जगत की सबसे मज़बूत कामगार संगठन हुआ करता था. अक्तूबर 2004 में 362 कर्मचारियों के निकाले जाने के बाद कुछ लोगों ने इस फ़ैसले को स्वीकार कर लिया. पर 272 कर्मचारियों ने लेबर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया. इन बरसों में दिल्ली में हिंदुस्तान टाइम्स हाउस के बाहर हड़ताली कर्मचारियों के प्रतिनिधि फ़ुटपाथ पर मोमजामें की एक चादर तले लगातार धरने पर बैठे हैं. धरने पर बैठे एक बर्खास्त कर्मचारी परमिंदर सिंह ने लेबर कोर्ट के फ़ैसले पर ख़ुशी ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि हिंदुस्तान टाइम्स मैनेजमेंट निकाले गए कर्मचारियों की तनख़्वाह देने को मजबूर होगा. साभार : बीबीसी