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‘सीक्रेट फण्‍ड’ से पैसा लेने वाले 282 पत्रकारों की सूची वेबसाइट पर जारी

पाकिस्तान की सबसे बड़ी अदालत ने अपनी वेबसाइट पर उन 282 पत्रकारों की सूची जारी कर दी है जिन्हें कथित तौर पर सरकार के 'सीक्रेट फण्ड' से पैसा मिला था. दो पाकिस्तानी पत्रकारों ने उच्चतम न्यायालय में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सरकार द्वारा साल 2011-12 में विभिन्न मीडियाकर्मियों को सरकार के कथित ''सीक्रेट फण्ड'' से दी गई राशि की सूचना सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका दाखिल की थी.

पाकिस्तान की सबसे बड़ी अदालत ने अपनी वेबसाइट पर उन 282 पत्रकारों की सूची जारी कर दी है जिन्हें कथित तौर पर सरकार के 'सीक्रेट फण्ड' से पैसा मिला था. दो पाकिस्तानी पत्रकारों ने उच्चतम न्यायालय में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सरकार द्वारा साल 2011-12 में विभिन्न मीडियाकर्मियों को सरकार के कथित ''सीक्रेट फण्ड'' से दी गई राशि की सूचना सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका दाखिल की थी.

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने इस सूची को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने की आज्ञा दी थी. अदालत को यह सूची पाकिस्तान के केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मिली थी. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार मीडियाकर्मियों को कुल सत्रह करोड़ सत्तर लाख रुपए दिए गए थे. अदालत ने जो सूची जारी की है उसमें कई वरिष्ठ पत्रकारों, टीवी एंकरों के नाम हैं.

सूची के सार्वजनिक होने के बाद पाकिस्तानी मीडिया में हड़कंप मच गया है. कुछ पत्रकार इस सूची के सार्वजनिक होने से गुस्से में हैं. उनका कहना कि उनका नाम इस सूची में किसी गलती की वजह से आया है. इन पत्रकारों का कहना है कि इस सूची में उन पत्रकारों का नाम जानूझकर डाला गया है जिन्होंने 'सीक्रेट फण्ड' की सूची सार्वजनिक करने की मांग का समर्थन किया था.

कुछ अन्य मीडिया खबरों में कहा गया है कि सूचना मंत्रालय ने इस मामले में अदालत को गुमराह किया है. मंत्रालय ने यह सूची बहुत जल्दबाजी में बनाई है और इसमें छेड़छाड़ भी की गई है. मंत्रालय ने अदालत को जो सूची दी है वो 'सीक्रेट फण्ड' से पैसा पाने वालों की सूची नहीं है. यह सूची उन लोगों की है जिन्हें 'स्पेशल पब्लिसिटी फण्ड' से पैसा दिया गया है. सूचना मंत्रालय ने 'सीक्रेट फण्ड' की सूची अभी भी दबा रखी है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में दो सूचियां जारी की हैं.

मंत्रालय ने अदालत से अनुरोध किया था कि दूसरी सूची सार्वजनिक न की जाए. क्योंकि इस सूची में 'नेशनल सीक्रेट' से जुड़ी जानकारियां हैं. इस दूसरी सूची के तहत छियासी करोड़ अस्सी लाख रुपए का भुगतान किया गया है. हालांकि इस मामले की सुनवाई करने वाली अदालती की पीठ ने कहा है कि दूसरी सूची में किसी व्यक्ति का नाम नहीं है. (बीबीसी)

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