: अब तक नहीं बन पाया पीसीआर : जल्द शुरु होने वाला न्यूज चैनल 4रियल न्यूज शुरु होगा भी या नहीं ये तो वक्त बताएगा, लेकिन इस चैनल के सीईओ यश मेहता की तानाशाही के कारण चैनल में काम करने वाले कर्मचारियों की जिंदगी नर्क बनकर रह गई है। इलेक्ट्रानिक मीडिया तकनीकी जानकारी की एबीसीडी से दूर का वास्ता नहीं रखने वाले यश मेहता मालिकों से नजदीकी के कारण चैनल के सर्वेसर्वा तो बन गए। लेकिन आठ महीने के बाद भी चैनल की लांचिग नहीं करा पाए। चैनल तीन बार सूचना प्रसारण मंत्रालय से लांचिग की डेट बढ़वा चुका है। अगर जून के अंत तक चैनल की लांचिग नहीं हुई तो लाइसेंस रद्द होने की आशंका है।
हांलाकि चैनल का ड्राई रन शुरु हो चुका है। लेकिन अभी तक पीसीआर बनकर तैयार नहीं हुआ है। चैनल में तकनीकी आधार पर छोटी-छोटी इतनी खामियां है कि चैनल जैसे-तैसे शुरु भी हुआ तो 24 घंटे के भीतर धराशायी हो जाएगा। चैनल कितना कामयाब होगा इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीईओ यश मेहता को ये भी नहीं पता कि आर्काइव की फुटेज के बिना चैनल चलाना मुमकिन नहीं। चैनल चलाने के लिए पंजाब के एक धर्मगुरु हर महीने चैनल को एक करार के तहत निर्धारित रुपए चैनल को दे रहे हैं। लेकिन चैनल की लांचिंग में लगातार हो रहे विलंब के कारण धर्मगुरु ने भी आर्थिक मदद रोकने की धमकी दी है।
चैनल के सीईओ यश मेहता कंपनी के लिए बेहद कर्मठता से काम कर रहे है। इसका अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि फिल्म सिटी के बीकेपी स्टूडियों में शुरु हो रहे चैनल में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे है। सीईओ महोदय घर बैठे भी एक-एक कर्मचारी की गमिविधि पर नजर रखते है। वैसे चैनल में काम करने वाली लड़कियों पर निगाह रखने का उन्हें ज्यादा शौक है। यश मेहता 4रियल न्यूज से पहले जीएनएन चैनल में भी इसी पद पर थे। लेकिन जब तक वे उस संस्थान में रहे चैनल की लांचिग नहीं हो पायी। अपने उल-जुलूल फरमानों के कारण यश मेहता हमेशा चैनल कर्मियों के लिए सिरदर्द बने रहते हैं। इस बार तो सीईओ के नए फरमान ने चैनल कर्मियों की जान ही निकाल दी है।
दरअसल रिलाइंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से मोटी घूस खासकर यश मेहता ने सभी कर्मचारियों से जबरन एक इश्योरेंस पॉलिसी पर दस्तख करवा लिए है। प्रीमियम तो एक हजार रुपए देना होगा, लेकिन शुरुआत में साढे़ बारह हजार रुपए जबरन कर्मचारियों के वेतन से काटे जा रहे है। ये धनराशि कर्मचारियों को दो महीने में डिपॉजिट करनी है। दिलचस्प बात ये है कि यह पॉलिसी कंपनी की तरफ से नहीं करायी जा रही है। बल्कि कर्मचारियों को निजी खर्चे पर यह पॉलिसी थोपी जा रही है। 4रियल न्यूज चैनल में इस समय तकनीकी, गैर तकनीकी और पत्रकार कर्मचारियों की संख्या 168 है। इनमें से करीब पचास तो ऐसे है। जिनका मासिक वेतन ही छह हजार है। ऐसे में अगर लगातार दो माह तक कर्मचारियों के वेतन से इंश्योरेंस का सारा प्रीमियम काट लिया जाएगा तो कर्मचारी खाएगा क्या?
यश मेहता को कर्मचारियों के स्वास्थ्य और उनके भविष्य की इतनी ही चिंता है तो वे कंपनी के खर्च पर उनका बीमा क्यों नही कराते, वैसे भी कंपनी नियमें के तहत ये बेहद जरूरी है। जिन कर्मचारियों के वेतन से हर महीने भविष्य निधि के नाम पर कई सौ रुपए काटे जा रहे वो किसके पेट में जा रहे है। इसका भी सीईओं के पास कोई जवाब नहीं है। क्योंकि मांगे जाने के बावजूद किसी भी कर्मचारी को आज तक प्रोविडेंट फंड का खाता नंबर नहीं दिया गया है। अब जबकि बीमा कराने के नाम पर कर्मचारियों से जबरन वसूली की जा रही है तो कई कर्मचारियों ने कटा हुआ वेतन लेने से ही इनकार कर दिया है। कुछ वरिष्ठ भी यश मेहता के इस फरमान से दुखी हैं।
दरअसल, कहा जा रहा है कि इस फरमान की एवज में बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों ने सीईओ को ढाई लाख का एक गिफ्ट देने का वायदा किया है। बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को सीईओ से मिलाने और कर्मचारियों का जबरन बीमा कराने के पीछे उनके चेहेते राजीव निशाना है। राजीव निशाना सीईओ यश मेहता को खुश करने के सारे मंत्र जानते हैं। सीईओ के शौक और फरमाईश पूरी करने में निशाना उनके अकेले हमराज हैं। ऐसे में निशाना की फरमाइश पर कर्मचारियों का जबरन बीमा कराकर सीईओ निशाना को उपकृत कर रहा है। राजीव निशाना का इस बीमा पैकेज में क्या लाभ है ये राज सिर्फ निशाना को पता है।
चैनल के पूर्व कर्मचारी द्वारा भेजा गया पत्र.
इस सारी बातों और आरोपों के संदर्भ में जानने के लिए चैनल के सीईओ यश मेहता से बात की गई तो उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. किसी को बीमा के लिए नहीं कहा गया है. बीमा वगैरह को लेकर कुछ लोग मिलने आते रहते हैं, पर अभी हमलोगों के पास टाइम नहीं है. पिकअप और ड्रापिंग नहीं थी, उसकी व्यवस्था कराई जा रही है. पत्रकारों को सेलरी समय से दी जाती है. कुछ शरारती तत्व इस तरह की अफवाहें फैलाते रहते हैं. किसी भी बात में कोई सच्चाई नहीं है.