बीते साल 2011 में दुनिया भर में कम से कम 46 पत्रकारों की हत्या हुई या वे मारे गए. पत्रकारों के लिए सबसे असुरक्षित देश पाकिस्तान रहा. यहां पत्रकारों की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती रही. यह कहना है पत्रकारों की सुरक्षा के लिए काम करने वाली न्यूयॉर्क की एक संस्था का. संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में सबसे ज्यादा सात पत्रकारों की हत्या हुई. कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने जानकारी दी है कि इराक और लीबिया में पांच-पांच पत्रकार मारे गए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 पत्रकारों को खतरनाक परिस्थितियों में काम करते हुए जान गंवानी पड़ी. इनमें से ज्यादातर विद्रोह, हिंसा और अरब देशों में पिछले साल चले आंदोलनों को कवर करने के दौरान मारे गए. संस्था ने बताया है कि पिछले साल इंटरनेट के लिए काम करने वाले पत्रकारों के लिए खतरा बढ़ा जो पहले नहीं था.