आईबीएन-लोकमत, मुंबई से खबर है कि यहां भारी पैमाने पर छंटनी किया गया है. बताया जा रहा है कि चैनल की आर्थिक स्थिति खराब होने का बहाना बनाकर प्रबंधन ने 70 लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसमें सभी विभागों से चार से लेकर छह तक लोग शामिल हैं. बताया जा रहा है कि अब चैनल में 130 के आसपास कर्मचारी रह गए हैं. सूत्रों ने बताया कि इसके पहले भी 45 तथा 25 कर्मचारियों के स्लाट में दो बार छंटनी की जा चुकी है.
बताया जा रहा है कि इस छंटनी के बाद से चैनल के अंदर का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. हालांकि प्रबंधन ने जिन 70 लोगों से इस्तीफा मांगा है सभी को उसने तीन महीने की एडवांस सेलरी उपलब्ध कराई है. सूत्रों का कहना है कि कई और कर्मचारियों की छंटनी किए जाने की संभावना बनी हुई है. छंटनी के ज्यादा शिकार उत्तर भारतीय हुए हैं. एक कर्मी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि चैनल का हाल देखकर कई कर्मचारी दूसरे चैनलों में जुगाड़ लगा रहे हैं.
प्रबंधन ऐसे एडिटोरियल कर्मियों को तवज्जो दे रहा है जो हिंदी, अंग्रेजी और मराठी तीनों भाषा में पारंगत हों. प्रबंधन अब अलग-अलग भाषाओं में स्टाफ रखने की अपनी नीति बदलते हुए ग्रुप के अलग अलग चैनलों के स्टाफ का मर्ज कर रहा है और एक ही कर्मचारी से तीनों भाषाओं का काम कराने की नीति बना रहा है. इसके पीछे वजह कंजूसी है, ताकि पैसा बचाया जा सके. . हालांकि आईबीएन-लोकमत से निकाले गए पत्रकारों के लिए जय महाराष्ट्रा के रूप में एक आप्शन भी है. सूत्र बताते हैं कि यहां से निकाले गए कर्मचारी जय महाराष्ट्रा के दरवाजे पर दस्तक देने की तैयारी कर रहे हैं.