देहरादून : सनसनीपूर्ण ख़बरों को ही समाचार मानने की समाज में पनप रही परंपरा उचित नहीं है। समाचार में सिर्फ रोचकता के लिए सनसनी का होना समाज और पत्रकारिता दोनों के लिए खतरनाक है। सनसनी से बचते हुए राष्ट्र हित वाले समाचारों को प्रमुखता मिलने से समाज में उत्कृष्टता को बढ़ाया जा सकता है। यह कहना है आरएसएस के उत्तरांचल प्रांतकार्यवाह और वरिष्ठ समाजसेवी लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल का।
श्री जायसवाल रविवार को डाकपत्थर के वीर शहीद केशरीचंद राजकीय महाविद्यालय में साप्ताहिक समाचार पत्र गढ़वैराट द्वारा आयोजित एक दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। उन्होंने स्वतंत्रता काल में इलाहाबाद से निकलने वाले एक समाचार पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि उस समाचार पत्र में संपादकीय लिखने वाले संपादक को 10 वर्ष की काला पानी की सजा होती थी। उसमें आठ संपादक हुए जिनको कुल मिलाकर 125 साल की काला पानी सजा हुई। इसमें देहरादून के नन्दगोपाल चोपड़ा का नाम भी शामिल है जिनको अपने पत्रकारीय कार्य के लिए 30 वर्ष की काला पानी की सजा हुई थी। इस तरह आजादी के उस पवित्र यज्ञ में देहरादून की आहुति भी शामिल है जो पूरे उत्तराखंड के गर्व का विषय है।
कार्यक्रम में साहित्यकार रतन सिंह जौनसारी, वरिष्ठ पत्रकार नेमिचंद जैन वरिष्ठ पत्रकार चंदननाम राजगुरू, पत्रकारिता के शिक्षक डा. मनोज श्रीवास्तव, श्रीचंद शर्मा, रणवीर सिंह तोमर, केशर सिंह चौहान, हिन्दुस्थान समाचार के ब्यूरोचीफ धीरेन्द्र प्रताप सिंह आदि लोगों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन गढ़वैराट साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक भारत चौहान ने किया। कार्यक्रम में क्षेत्र के 15 से अधिक कालेजों के लगभग 90 छात्रों ने सहभागिता की। अन्त में मुख्य अतिथि द्वारा प्रतिभागी छात्रों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्र के प्रबुद्धजन भी उपस्थित रहे।
देहरादून से धीरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट.