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मध्य प्रदेश

यहां 86754 पत्र-पत्रिकाएं छपती हैं और 833 टीवी चैनल हैं

: भाषाई पत्रकारिता महोत्सव : ‘युवा, सोशल मीडिया और देश निर्माण’ विषय पर टॉक शो : इंदौर। सोशल मीडिया का देश में अपना एक विशिष्ट स्थान है और मैं उसका सम्मान करता हूं। प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगाने का काम संप्रग सरकार नहीं कर रही। मीडिया स्वयं अपनी एक रेग्यूलेटर बॉडी बनाकर उस पर नियंत्रण करें। यह कहना है केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी का। वे इंदौर प्रेस क्लब के प्रतिष्ठा प्रसंग सार्क देशों के भाषाई पत्रकारिता महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।

: भाषाई पत्रकारिता महोत्सव : ‘युवा, सोशल मीडिया और देश निर्माण’ विषय पर टॉक शो : इंदौर। सोशल मीडिया का देश में अपना एक विशिष्ट स्थान है और मैं उसका सम्मान करता हूं। प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगाने का काम संप्रग सरकार नहीं कर रही। मीडिया स्वयं अपनी एक रेग्यूलेटर बॉडी बनाकर उस पर नियंत्रण करें। यह कहना है केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी का। वे इंदौर प्रेस क्लब के प्रतिष्ठा प्रसंग सार्क देशों के भाषाई पत्रकारिता महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।

इस मौके पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पंकज शर्मा, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग, सांसद प्रेमचंद गुड्डू, इंडियन पेâडरेशन ऑफ वर्विंâग जनर्लिस्ट यूनियन के अध्यक्ष के. विक्रमराव, वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव, दैनिक हिन्दुस्तान के राजनीतिक संपादक निर्मल पाठक एवं प्रदेश टुडे के सीएमडी हृदयेश दीक्षित बतौर विशेष अतिथि मंच पर मौजूद थे। इस मौके पर दक्षिण एशियाई देशों के कई वरिष्ठ पत्रकार भी उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने ‘युवा, सोशल मीडिया और देश निर्माण’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।
    
श्री तिवारी ने कहा कि भारत विधिताओं से भरा देश है। यहां ८६७५४ पत्र-पत्रिकाएं छपती है और ८३३ टीवी चैनल हैं जो अगले वर्ष बढ़कर एक हजार हो जाएंगे। यूपीए सरकार का मानना है कि प्रसारण में खोखलापन नहीं होना चाहिए। मैं सूचना प्रौद्योगिकी संगठन पर सदैव विश्वास करता हूं। साथ ही इंटरनेट का भी समर्थन करता हूं। सोशल साइट्स पर संवाद होना चाहिए, लेकिन दूसरों की निजता और उसकी सुरक्षा का भी हमें ख्याल रखना होगा। उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मैं भी सोशल साइट्स के माध्यम से लोगों से संवाद करता हूं। पत्रकारिता में सभी का सहमत होना जरूरी नहीं। असहमति की स्थिति में आप कोर्ट की शरण भी ले सकते हैं। श्री तिवारी ने इंदौर प्रेस क्लब की सक्रियता की तारीफ करते हुए भविष्य में स्थापित होने वाले राष्ट्रीय शोध केंद्र के लिए मंत्रालय की ओर से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इंदौर प्रेस क्लब शीघ्र ही शोध केंद्र के संदर्भ में प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजें।
    
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने कहा कि देश और दुनियाभर की सरकारों को सोशल मीडिया शूल की तरह चुभ रहा है। मीडिया को दबाने की साजिश जारी है। बोलने और लिखने की आजादी पर पाबंदी लगा रही है। सरकार की अनुदारता इस कदर है कि अगर कोई कार्टूनिस्ट कोई कार्टून बनाता है तो सरकार उस पर पाबंदी लगा देती है। सोशल साइट्स की बढ़ती ताकत से सरकार डरी हुई है। टीवी पत्रकार राहुल देव ने कहा कि सोशल साइट्स के फायदे अनेक हैं। इंटरनेट और मोबाइल ने दुनिया में बड़ी क्रांति की। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। मोबाइल इंटरनेट, पेâसबुक, ट्विटर आदि के माध्यम से लोग एक दूसरे के साथ सार्थक संवाद कर रहे हैं। सोशल मीडिया आज टीवी चैनलों के एजेंडे तय कर रहा है।
    
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा कि भाषाई पत्रकारिता महोत्सव के माध्यम से जो अमृत निकलेगा वह समाज को चेतनशील बढ़ाने में मददगार होगा। पत्रकारिता समाज का आइना है और प्रजातंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ। मीडिया के पास किसी हीरो को जीरो और किसी जीरो को हीरो बनाने की ताकत है। उन्होंने आगे कहा कि देश में सूचना क्रांति को लाने में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भूमिका अग्रणी रही। अब उनके कामों को सोनिया गांधी आगे बढ़ा रही है। श्री भूरिया ने कहा कि इंदौर प्रेस क्लब में शोध आधारित पत्रकारिता संस्थान बनना चाहिए। इसके लिए केंद्र का सहयोग जरूरी है।
    
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं पूर्व पत्रकार पंकज शर्मा ने कहा कि आज के युवा कम्प्यूटर और इंटरनेट पर अधिक समय बीता रहा है। घरों में, परिवारों में संवाद ही नहीं हो रहा है। यह लोगों को जोड़ने के बजाय दूर कर रहा है। सोशल गतिविधियों में दिलचस्पी के बजाय लोग सोशल मीडिया का अन्य गतिविधियों के लिए ज्यादा उपयोग कर रहे हैं। श्री शर्मा ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री से अनुरोध किया कि स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर इंदौर प्रेस क्लब में स्थापित होने वाले पत्रकारिता के राष्ट्रीय शोध केंद्र के लिए हर संभव मदद करें। उन्होंने कहा कि इंदौर प्रेस क्लब ने अपनी व्यापक गतिविधियों से साबित किया है कि वे ऐसे शोध केंद्र के हकदार हैं।
    
वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने सरकार को सोशल मीडिया की ताकत को महत्व पहचानने की समझाइश दी। उन्होंने कहा कि तकनीक के सही और गलत दोनों ही परिणाम होते हैं, लेकिन सोशल मीडिया ने आज जिस तरह वर्गों के भेद को खत्म किया है, अनंत संवादों को जन्म दिया है वो महत्वपूर्ण है। मेरे ख्याल में इसमें नेताओं को भी उतरकर सीधे लोकतांत्रिक संवाद स्थापित करना चाहिए। इंडियन पेâडरेशन ऑफ वर्विंâग जनर्लिस्ट यूनियन के अध्यक्ष के. विक्रमराव ने कहा कि प्रजातंत्र में मीडिया बहुत ताकतवर बनकर उभरा। वह संसद को हिला सकता है। इसका उदाहरण गत वर्ष देखने को मिला।

प्रारंभ में स्वागत उदबोधन में अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने कहा कि यह वर्ष इंदौर प्रेस क्लब का स्वर्ण जयंती वर्ष है और इसकी शुरुआत हम आज दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन यानी सार्क के सदस्य देशों के भाषाई पत्रकारिता महोत्सव से कर रहे हैं। अपनी तरह के इस अनूठे और महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय आयोजन के अवसर पर मैं यहां पधारे हमारे सभी विशिष्ट अतिथियों का, इंदौर प्रेस क्लब के निमंत्रण पर देश-विदेश से आए तमाम पत्रकार साथियों का और आप सभी का इंदौर प्रेस क्लब की ओर से हार्दिक अभिनंदन और स्वागत करता हूं। मित्रों यह इंदौर शहर के लिए ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के लिए भी हर्ष और गौरव की बात है कि यहां पहली बार सार्क देशों के पत्रकार भाषाई पत्रकारिता की चुनौतियों और संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए जुटे हैं।

मित्रों, सार्क के सभी सदस्य देश भले ही अपनी-अपनी भौगोलिक सीमाओं और भाषाओं के स्तर पर अपनी अलग पहचान रखते हों, पर आर्थिक, सामाजिक सांस्कृतिक तौर पर उनके बीच कई ऐसी समानताएं, संभावनाएं और चुनौतियां विद्यमान है जो उन्हें एक विशाल परिवार का रूप देती है। यही नहीं, सभी सार्क देशों का प्राकृतिक परिवेश भी आपस में काफी मिलता-जुलता है। जाहिर है कि जब सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक तौर पर हमारे बीच इतनी अधिक समानता हो तो हमारी भाषाई पत्रकारिता को भी इससे अलग रखकर नहीं देखा जा सकता। आखिर हर भाषा की पत्रकारिता अपने  समाज का आईना ही होती है जो समाज की सभी अच्छाइयों और बुराइयों का दिग्दर्शन कराती है।

मैं समझता हूं कि सार्क के सभी सदस्य देशों में भाषाई पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां भी कमोबेश समान है और उनके सामने संभावनाएं भी एक जैसी है। यही वजह है कि हमने इस वृहद आयोजन के दौरान जनांदोलनों में मीडिया की भूमिका, युवा शक्ति का रचनात्मक इस्तेमाल, सोशल मीडिया की सीमाएं और संभावनाएं, साहित्य का भविष्य, खबरों पर हावी होता बाजारवाद और चुनाव सुधार जैसे अहम मसले विचार-विमर्श के लिए चुने हैं। दरअसल, ये सभी वे मुद्दे हैं जो किसी एक देश से नहीं बल्कि सभी सार्क देशों से, वहां के समाज से और आम अवाम से ताल्लुक रखते हैं। मित्रों, इंदौर शहर मध्य प्रदेश का सबसे उन्नत, शिक्षित और सुसंस्कृत शहर है। एक तरह से यह शहर आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तौर पर समूचे प्रदेश को नेतृत्व देने काम करता है। यह शहर अपनी इस महती भूमिका को महज पिछले कुछ वर्षों से ही नहीं बल्कि इस प्रदेश की स्थापना के समय से ही निभा रहा है। यही वजह है कि आज भी इस इंदौर शहर को न्यायप्रिय और प्रजापालक शासिका देवी अहिल्याबाई होलकर, महान शास्त्रीय गायक उस्ताद अमीर खां साहब, अपने समय के महान क्रिकेटर कैप्टन मुश्ताक अली और कर्नल सी.के. नायडु, उच्चकोटि के विश्वप्रसिद्ध चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन और सुर साधिका लता मंगेशकर जैसी महान और कालजयी हस्तियों के नाम से देश-दुनिया में जाना जाता है। राजनीति के क्षेत्र में भी कॉमरेड होमी दाजी और लाडली मोहन निगम जैसे जुझारू और विशिष्ट राजनेताओं का ताल्लुक इसी इंदौर शहर से रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में यह शहर इसलिए भी देश में अपना विशिष्ट स्थान रखता है कि यहां आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान  हैं। इसके अलावा इंफोसिस और टीसीएस, सिमबायसेस, सहारा, मेदांता, नसीमुजी, रिलायंस जैसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के बड़े समूहों ने भी इस शहर में आने के लिए दस्तक दे दी है।

जहां तक पत्रकारिता की बात है, समाचार पत्रों के प्रकाशन के लिहाज से तो यह शहर लंबे समय से प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का अग्रणी केंद्र बना हुआ है ही, इलेक्ट्रानिक मीडिया के मामले में भी यह शहर देश में अपनी पहचान बना रहा है। दस से अधिक पत्रकारिता एवं जनसंचार संस्थान यहां हैं जहां देश के विभिन्न इलाकों से आए हजारों छात्र यहां पत्रकारिता का कोर्स कर रहे हैं। भारत की भाषाई पत्रकारिता में तो इंदौर की पहचान ही एक विशिष्ट पत्रकारीय घराने के तौर पर होती है। इस घराने ने ही राजेंद्र माथुर, प्रभाष जोशी, राहुल बारपुते, शरद जोशी और अभय छजलानी जैसे राष्ट्रीय ख्याति के संपादक और पत्रकार दिए हैं तथा श्रवण गर्ग और वेदप्रताप वैदिक सहित कई प्रतिष्ठित पत्रकार आज भी राष्ट्रीय फलक पर छाए हुए हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में इंदौर घराने की परंपरा को विशिष्टता प्रदान करने में इन यशस्वी संपादकों और पत्रकारों के साथ ही एक संस्था के तौर पर इंदौर प्रेस क्लब की भी अहम भूमिका रही है। सीमांत गांधी और बादशाह खान के नाम से मशहूर पख्तून नेता खान अब्दुल गफ्फार खान, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, निर्वासित तिब्बती नेता दलाई लामा, समय-समय पर देश के प्रधानमंत्री रहे नेताओं में श्रीमती इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी, पीवी नरसिंहराव, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, इंद्रकुमार गुजराल के अलावा कॉमरेड ए.एस. डांगे, मधु लिमये, जॉर्ज फर्नांडिस, राजनारायण, लालकृष्ण आडवाणी जैसे विशिष्ट राजनेताओं के साथ ही हमारे लोकजीवन को प्रभावित करने वाले कई विशिष्ट साहित्यकार, कवि, लेखक, पत्रकार, रंगकर्मी, चित्रकार, खेल और सिने जगत की हस्तियां, न्यायविद, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, डॉक्टर, समाजकर्मी, धर्मगुरू और उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर इंदौर प्रेस क्लब में आ चुके हैं और यह सिलसिला आज भी जारी है।

आपको यह जानकारी देते हुए मुझे बड़ा फख्र हो रहा है कि इंदौर प्रेस क्लब आने वाले समय में अपने यहां एक विशाल और बहुआयामी शोध संस्थान की स्थापना करने जा रहा है। शोध आधारित पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से स्थापित होने वाला यह देश में अपनी तरह का पहला शोध संस्थान होगा। यह शोध केंद्र कैसा हो, इसके लिए हमने कुछ दिनों पहले भोपाल में देश के जाने-माने विशेषज्ञों को आमंत्रित कर उनसे भी मार्गदर्शन प्राप्त किया है।

इंदौर प्रेस क्लब अपने सदस्यों के लिए विभिन्न पेशागत गतिविधियां तो निरंतर संचालित करता ही है, इसके अलावा उनके वेलफेयर के लिए के लिए भी कार्यक्रम और योजनाएं प्रेस क्लब की ओर से संचालित की जा रही हैं। इंदौर प्रेस क्लब पिछले पांच वर्षों से भाषाई पत्रकारिता महोत्सव का आयोजन कर रहा है इस बार अपनी स्थापना के पचासवें वर्ष में प्रवेश करने के मौके पर आयोजित सार्क देशों का यह भाषाई पत्रकारिता महोत्सव भी पत्रकारिता के इंदौर घराने की और इंदौर प्रेस क्लब की गौरवमयी परंपरा की नई कड़ी ही है।  यहां मैं यह उल्लेख भी करना चाहूंगा कि हमारे पिछले दो आयोजनों में देश के दो उपराष्ट्रपति श्री भैरोसिंह शेखावत और डॉ. मोहम्मद हामिद अंसारी भी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर चुके हैं।

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अतिथि स्वागत अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, पूर्व अध्यक्ष शशीन्द्र जलधारी, ओमी खंडेलवाल, जीवन साहू, कृष्णकुमार अष्ठाना, विकास मिश्रा, सतीश जोशी, जयकृष्ण गौड़ ने किया। इस अवसर पर अतिथियों ने इंदौर प्रेस क्लब की स्मारिका अन्वेषण का विमोचन भी किया। स्मारिका के संपादक शशीन्द्र जलधारी ने स्मारिका की जानकारी दी। प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर महोत्सव का शुभारंभ किया। संचालन महासचिव अरविंद तिवारी ने किया। आभार सचिव संजय लाहोटी ने माना।

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