: फिक्की-केपीएमजी रिपोर्ट के अनुसार अगले चार साल में 14% की बढ़त के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा मीडिया और मनोरंजन उद्योग : 27.7 फीसदी की होगी वर्ष 2018 तक डिजिटल विज्ञापनों में सालाना बढ़त : भारत का मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग अगले चार साल में 14.2 फीसदी बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। फिक्की-केपीएमजी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'मीडिया एवं इंटरटेनमेंट उद्योग सालाना 14.2 (सीएजीआर) बढ़कर 1,78,580 करोड़ रुपये तक हो जाएगी।' फिक्की के एमएंडई कमिटी के चेयरमैन और स्टार इंडिया के सीईओ उदय शंकर ने कहा, 'उदासी एवं दुर्भाग्य के इस माहौल में भी मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग में पिछले साल 12 फीसदी की जबर्दस्त बढ़त हुई थी।'
उन्होंने कहा कि यह सब ऐसे माहौल में हासिल किया गया है, जब कुल मिलाकर आर्थिक बढ़त 4 फीसदी के आसपास ही है और इस उद्योग के लोगों को मुद्रा विनिमय की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, 'वर्ष 2013 में कम जीडीपी वृद्धि का मतलब यह है कि उपभोक्ताओं की तरफ से मांग भी कम आई है और इससे हमारे विज्ञापन आय पर असर पड़ा है।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष2018 तक डिजिटल विज्ञापनों में सालाना चक्रवृद्धि बढ़त (सीएजीआर) 27.7 फीसदी की होगी। रिपोर्ट के अनुसार सोशल नेटवर्किंग सर्विसेज, एनिमेशन एवं वीएफएक्स, ऑनलाइन गेमिंग, मोबाइल फोन पर चलने वाले एप्लिकेशन जैसे न्यू मीडिया ने मीडिया की दुनिया को नया आयाम दिया है जिस पर कि अभी तक परंपरागत मीडिया का वर्चस्व था।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013 में भारत की टीवी इंडस्ट्री 41,700 करोड़ रुपये की थी और वर्ष 2013-18 के बीच इसमें 16 फीसदी की बढ़त होने की उम्मीद है। वर्ष 2018 तक यह बढ़कर 88,500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट के अनुसार प्रिंट मीडिया 8.4 फीसदी की बढ़त के साथ वर्ष 2014 में 24,300 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा और वर्ष 2018 तक यह 37,300 करोड़ रुपये तक का होगा। इस साल चुनाव होने से प्रिंट मीडिया को अच्छी तेजी मिलेगी। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 के अंत तक देश में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 23.9 करोड़ तक पहुंच सकती है।