नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा अखबारों और टीवी चैनलों में करोड़ों रूपए के विज्ञापन देकर चुनाव जीतने की रणनीति पर पलीता लग गया है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता पी.पी. कपूर की शिकायत पर हरियाणा के लोकायुक्त प्रीतमपाल ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू करके सरकार से जवाब मांगा है। प्रीतमपाल ने बताया कि मामले की प्रारंभिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कपूर ने लोकायुक्त के पास बाकायदा शपथ-पत्र दाखिल करके आरोप लगाया था कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और लोक संपर्क महकमे के अफसर सुधीर राजपाल ने चालू वर्ष में विज्ञापनों के लिए एक सौ चैदह करोड़ रूप्ए का बजट रखा है। सूचना अधिकार के अंतर्गत प्राप्त जानकारी के अनुसार विज्ञापनों में प्रदेश में पूंजी निवेश और नौकरियां देने के दावे झूठे पाए गए हैं। कपूर ने शपथ-पत्र में कहा है कि यदि उनकी शिकायत झूठी पाई जाए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
लोकायुक्त द्वारा मामले का प्रथम दृष्टि में संज्ञान लेने से हरियाणा की अफसरशाही और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। रामकिशन फौजी की सीडी कांड में लोकायुक्त द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश से सरकार पहले ही परेशान थी। सूत्रों के अनुसार कल देर शाम लोक संपर्क विभाग के मुखिया केके खंडेलवाल, सीएम के प्रधान सचिव एसएस ढिल्लों और मुख्य सचिव एससी चैधरी और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार प्रमोद वशिष्ठ सरकार की रणनीति बनाने में जुटे हैं। कपूर की शिकायत में कहा गया है कि विज्ञापनों में दावा किया है कि हरियाणा में एक से एक विषेश आर्थिक क्षेत्र खुलेगा जिनसे प्रदेश में विकास का नया युग शुरू होगा लेकिन केवल चार विषेश आर्थिक ही बने हैं। विज्ञापनों में दावा किया गया है कि प्रदेष में दो लाख करोड़ रूपए का पूंजी निवेश होगा जबकि निवेश केवल 3189 करोड़ रूपए का हुआ है। यही नहीं हरियाणा नम्बर वन के नाम से चर्चित विज्ञापनों में दावा किया गया है कि प्रदेश के बीस लाख बेरोजगार युवाकों को रोजगार मिलेगा जबकि करीब 36 हजार लोगों को ही रोजगार मिला है।
शिकायत में कहा है कि लोक संपर्क विभाग के अफसर सुधीर राजपाल ने आंख मूंदकर हुड्डा के विज्ञापन दिए। शिकायत के मुताबिक हरियाणा सबसे आगे के भ्रामक विज्ञापनों पर सरकारी खजाने से पैसे खर्च करना ना केवल गैरकानूनी है बल्कि जनता के साथ धोखा भी है। याद रहे कि राष्ट्रीय अखबारों और खासतौर पर अंग्रेजी अखबारों पर हुड्डा की खास मेहरबानी रही है। पूरे के पूरे विज्ञापनों में भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा की फोटो के साथ विकास के लंबे चैड़े दावे किए जाते थे। यही नहीं हुड्डा गुजरात, दिल्ली और राजस्थान आदि प्रदेशों के चुनावों में भी इन्हीं विज्ञापनों को आधार बनाकर भाषण देते थे। विज्ञापनों में हुड्डा कहते थे कि उनका सपना है कि हरियाणा के लोग स्वस्थ और खुशहाल रहे इसलिए उनकी सरकार अस्पतालों में मुफ्त दवाइयां देने की योजना बना रही है। जबकि असलियत में इस योजना की पोल तो उनके गृह नगर रोहतक में ही खुल गई थी।
अखबारों के विज्ञापनों में सोनिया गांधी की फोटो भी लगाई जाती थी। विज्ञापन देने में भी अफसर मनमानी करते थे। टेंडर नोटिस और नियुक्तियों के विज्ञापन अखबारों के साउथ के संस्करणों में छपवा देते हैं जिससे लोगों को पता ही नहीं चलता। विज्ञापन देने में भी अफसर काफी कमीशन भी वसूलते हैं।
पवन कुमार बंसल