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जैसा कि यह सर्वसत्य है कि मीडिया भारतीय लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ है। मीडिया समाज का दर्पण है। समाज में क्या औऱ क्यों हो रहा है ये सब मीडिया ही समाज के समक्ष प्रस्तुत करता है। भारतीय लोकतन्त्र में मीडिया का अमूल्य योगदान है। भारतीय लोकतन्त्र को मजबूत बनानें में मीडिया की भागीदारी श्रेष्ठ है। मै (प्रार्थी) सिविल सर्विसेज का छात्र हूँ और ‘‘गणित’’ विषय से सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने जा रहा हूँ। भारतीय लोकतन्त्र का जागरूक नागरिक हूँ। लोकतंत्र के हित, समाज हित, गरीबों और किसानों, दबे-कुचलों और असहायों तथा न्याय से वंचितों, समाजिक न्याय, मानवाधिकारों, शिक्षा, कानून के पालन, अपराधों की निगरानी कर कानून की सहायता करना, समाज में शांति, भाई-चारा आदि विभिन्न विषयों पर मेरी विशेष रूचि है। जब भी मुझे पढ़ाई से खाली टाइम मिलता है और जहां भी समाज में आते-जाते कुछ इस तरह की गतिविधियां होती प्रतीत होती हैं तो मैं उन पर विशेष ध्यान देता हूँ और उन्हें समाधान हेतु प्रयास भी करता हूँ। ये सभी कार्य मैं अपनी स्वेच्छा से, निःस्वार्थभाव से, समाज और देशहित तथा प्रगति के लिये करता हूं।
इससे मुझे बेहद आनन्द, उत्साह और खुशी तथा पॉजिटिव एनर्जी प्राप्त होती है। अब तक मैं शिक्षा के क्षेत्र में 2 वर्ष ‘‘शिक्षा मित्र’’ के रूप में सेवा दे चुका हूँ और समाज व देश में शिक्षा के प्रसार में योगदान दिया है। पिछले 6 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में निजी तौर पर योगदान दे रहा हूँ। अब मेरा रूख जनता, समाज और देश की सेवा में अमूल्य योगदान देने का होने के कारण मैं इस समय देश की ‘‘सिविल सेवा परीक्षा’’ पास कर एक सिविल सेवक बनने का है। और इस साल की 24 अगस्त 2014 में होने जा रही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सम्मिलित होने जा रहा हूं।
बेशक सिविल सेवा देश की एक सर्वोच्च सेवा है। इसके द्वारा चयनित लोक सेवक देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि एक लोक सेवक की विशेष जिम्मेदारियां और कर्तव्य होते हैं। उनको एक लोक सेवक को ज़मीनी स्तर पर निभाना होता है तभी वह सफल लोक सेवक कहलाने के योग्य होता है। आये-दिन न्यूज पेपरों और न्यूज चैनलों के माध्यम से यह ज्ञात है कि आज के दौर में कितने आईएएस/ आईपीएस अधिकारियों पर उनकी कार्य शैली को जमीनी स्तर पर देखकर उनकी छवि उनके ही हाथों तार-तार हो रही है। ये सब एक आईएएस/आईपीएस की ईमानदारी, नैतिकता, सत्यनिष्ठा पर सवाल खड़ा कर रहा है। फिर सवाल खड़ा क्यों न हो, कहीं न कहीं गड़बड़ी जो होती है।
मैं भारतीय लोकतन्त्र का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते और सिविल सेवा में जाने का इच्छुक होने के नाते अभी से अपनी जिम्मेदारियों को निभानें का कार्य कर रहा हूँ। पिछलें एक साल से मैं भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से देश, प्रदेश, जिला और क्षेत्र व गांवों स्तर पर पुलिस प्रशासन, प्रशासनिक कार्यों और जनता के बीच जमीनी स्तर पर पहुँच रहे कार्यों की विशेष निगरानी कर रहा हूँ तथा देश और प्रदेश के अलग-अलग विभागों व जिलास्तरों पर काफी अव्यवस्थायें और नियमों का उल्लघंन करते हुये कई महत्व पूर्ण रिकार्ड व फोटो तथा दस्तावेज व घटनायें एकत्र कर केन्द्रीय विभागों में उनकी जवाब देही की मांग भी की है।
कुछ महत्वपूर्ण घटनायें जिससे सम्बन्धित महत्वपूर्ण दस्तावेज सबूत के तौर पर मेरे पास मौजूद हैं उन्हें मैं मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करना चाहता हूँ जिससे मीडिया के माध्यम से देश की न्यायिक प्रणाली और जन-जन तक ऐसी घटनाओं को पहुंचाया जा सके जिससे जनता जागरूक हों और भ्रष्टाचार तथा अधिकारियों तथा विभागों की लापरवाही दूर हो तथा समाज का विकास हो तथा एक सच्चे और मजबूत लोकतन्त्र का निर्माण हों सकें।
मेरे द्वारा पिछले 1 वर्ष की अवधि में, मजबूत भारतीय लोकतन्त्र हेतु किये गये कार्यों का विवरण:
1. लखनऊ के एक व्यक्ति द्वारा 10-20 लोगों के साथ फ्रॉड कर धन की उगाही करने और कुछ व्यक्तियों के शोषण और मानवाधिकारों के हनन’ की शिकायत U.P. Human Rights Commission में द्वारा Email कर चुका हूँ। लेकिन 2 माह ई-मेल Application किये हो गये Human Right Commission की लापरवाही कहें यह अनदेखी या कर्तव्यों से विमुखता या भ्रष्टाचार कहें अभी तक कोई न ही कार्यवाही की गई और न ही कार्यवाही का कोई आश्वासन दिया गया। इसके सभी दस्तावेजों की कापी सबूत के तौर पर मेरे पास मौजूद हैं यहां पर कार्यवाही न होते देख इस ओर ध्यान देने के लिये एक Application उप्र मुख्य मंत्री कार्यालय लखनऊ और डीएम लखनऊ को ई-मेज भेज चुका हूँ। इसका भी रिकार्ड मेरे पास मौजूद है। U.P. Human Rights Commission को इस मामले पर सोते देख अब मैं उसकी शिकायत भी ‘‘केन्द्रीय मानवाधिकार आयोग’’ नई दिल्ली को भेज चुका हूँ। इस शिकायत की फाइल व डायरी नम्बर तथा महत्वपूर्ण दस्तावेज मेरे पास मौजूद हैं।
2. हमीरपुर जिलें की क्षेत्रीय बैंक ‘‘भारतीय स्टेट बैंक’’ के अधिकारियों द्वारा गरीब के प्रति कठोर व्यवहार व मानसिक तनाव पहुंचाने हेतु उस स्थिति में जब बुन्देलखण्ड का किसान प्राकृतिक आपदाओं ओलावृष्टि व अतिवृष्टि से जूझ रहा था। गरीब किसानों की ओर से मा. मुख्यमंत्री उप्र व डीएम हमीरपुर जिला(यूपी) को पत्र लिख जांच करवाया है और एक जाँच चल रही है। मा. मंत्री उप्र कार्यालय से निस्तारण हेतु डीएम हमीरपुर के जांच के आदेश हुए है तथा मा. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मुझे दोनों ऑनलाइन Application के निस्तारण के सम्बन्ध में ‘‘कम्प्यूटर संख्या’ भी दी गई है। सभी दस्तावेज सबूत के तौर पर मेरे पास मौजूद है। मीडिया से मेरा आग्रह है इन्हें देख और जाँच कर ये सभी खबरें समाज और देश के सामने रखें।
3. हमीरपुर जिले की डीएम साहिबा के आपदा प्रबंधन के मुख्य कार्य में अपनें कर्तव्य निर्वाहन न किये जाने तथा आपदा प्रबंधन की अनदेखी करने और हमीरपुर जिलें में कुछ अन्य निचलें अधिकारियों की जाँच हेतु ‘‘मा. मुख्यमंत्री उप्र’’ को शिकायती पत्र दे चुका हूँ जिसकी ऑन-लाइन कम्प्यूटर संख्या मुझे मा. मु. मंत्री कार्यालय द्वारा प्राप्त हो चुकी है और मा. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जाँच के आदेश भी जिला को दे दिया गया है। लेकिन मीडिया में अभी तक इन सबका तिनका मात्र भी प्रकाशन नहीं हुआ। इसलिये मीडिया से मेरी गुजारिश है कि मेरे पास उपस्थित महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच कर उनके आधार पर ये खबरें मीडिया द्वारा प्रकाशित की जायें। जिससे मजबूत और सच्चे लोकतन्त्र का निर्माण हो सकें।
4. Anti Corruption Bureau Lucknow/ Vigilance Commission Lucknow(UP) में भी कार्यों में लापरवाही चल रही, वहाँ के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा लापरवाही की जाने की आशंका है क्योंकि इन्हें भी मैं सामाजिक मुद्दों और उनसे Related Application भेज चुका हूँ। लेकिन दो माह हो गये अभी भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। न ही कोई आश्वासन मिला। इनसें सम्बन्धित आवश्यक दस्तावेज भी मेरे पास मौजूद हैं।
कृपया मीडिया इन मामलों पर ध्यान देने का कष्ट करें। यहां मीडिया के समक्ष यह विदित है कि अगर इन सबके बाद भी विभागों और उक्त सम्बन्धित व्यक्ति के विरूद्ध कोई महत्वपूर्ण जांच या उन पर कार्यवाही न हुई तो प्रार्थी अगले कदम में मजबूत और सच्चे लोकतन्त्र निर्माण हेतु मा. सर्वोच्च न्यायालय की शरण में जायेगा। लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ मीडिया से मेरा विनम्र निवेदन है कि इन सभी को प्रकाशित करने हेतु शीघ्र कदम उठाने का कष्ट करें।
मजबूत और सच्चे लोकतन्त्र के निर्माण में प्रत्येक भारतीय नागरिक की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है।
धन्यवाद!
प्रार्थी
(अशोक कुमार यादव)
सिविल सर्विस स्टूडेन्ट
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Lucknow