केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच ने आज आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा आईजी अभियोजन से आईजी नागरिक सुरक्षा के पद पर हुए ट्रांसफर के विरुद्ध दायर याचिका में अंतिम सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर लिया।
याचिका में श्री ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने 13 जनवरी को अभियोजन विभाग में ज्वायन किया था। तत्काल ही 30 जनवरी को बिना सिविल सर्विस बोर्ड का गठन किये तथा बिना और बिना कोई कारण बताये हटा दिया गया। यह 28 जनवरी 2014 को संशोधित आईपीएस कैडर रूल्स 1954 के नियम 7 के खिलाफ है।
राज्य सरकार के अधिवक्ता सुदीप सेठ ने कहा कि यद्यपि नियम 28 जनवरी को संशोधित हुए थे, पर डीओपीटी ने इस सम्बन्ध में 14 फ़रवरी को निर्देश जारी किये। जिसके बाद राज्य सरकार ने 07 मार्च को बोर्ड का गठन किया और श्री ठाकुर का तबादला एडीजी अभियोजन आर एन सिंह के पत्र दिनांक 13 जनवरी पर किया गया था।
न्यायिक सदस्य नवनीत कुमार ने सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर लिया.
Dr Nutan Thakur
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