सूचना और प्रसारण मंत्रालय का कार्यभार संभाले मनीष तिवारी ने भले ही राज्यमंत्री के तौर पर सरकार में कदम रखा हो, लेकिन वो अब कैबिनेट की बैठकों में भी औपचारिक तौर पर हिस्सा ले सकेंगे। इतना ही नहीं, वे आर्थिक मामलों और इंफ्रास्ट्रक्चर की कैबिनेट कमेटियों में भी हिस्सा ले सकेंगे।
उन्हें ये अधिकार देने के लिए कैबिनेट सेक्रेटेरियट ने बाक़ायदा आदेश पारित किया है। इस तरह उनका दर्ज़ा कैबिनेट मंत्री के स्तर का बना दिया गया है। भारत के संवैधानिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्यमंत्री को इस तरह की तरक्की दी गयी हो। ऐसा माना जा रहा है कि ये अनोखा प्रयोग तिवारी की राहुल गांधी से नज़दीकियों के कारण किया गया है।
ग़ौरतलब है कि हाल ही में हुए मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (जीओएम) ऑन मीडिया का पुनर्गठन किया था। इस समूह में शामिल नए लोगों में सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के अलावा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद, संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ, कानून मंत्री अश्विनी कुमार प्रमुख हैं।
नयी व्यवस्था के मुताबिक़ वित्त मंत्री पी चिदंबरम कैबिनेट के प्रवक्ता होंगे। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी के लिए कमलनाथ प्रवक्ता होंगे और उनकी अनुपस्थिति में अश्विनी कुमार इस जिम्मेदारी को निभाएंगे।