एबीपी न्यूज़ में पिछले दो बार की कैंपस प्रकिया से चुनकर आए ट्रेनी लगातार सीनियरों द्वारा प्रताड़ित किए जा रहे हैं। ये सिलसिला पिछले दो सालों से जारी है। चैनल के संपादक और डिपार्टमेंट हैड्स को छोड़कर, सीनियर प्रोड्यूसर और प्रोड्यूसर स्तर के लोग ट्रेनीज़ को समय-समय पर ज़लील करते रहते हैं। सीनियरों की जलालत से परेशान होकर 6 महिने पहले ही ज्वाईन किए एक ट्रेनी ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया। छोटी-छोटी बातों पर पूरे न्यूज़ रूम में इस तरह माहौल बना दिया जाता हैं कि पता नहीं उस ट्रेनी ने कितना बड़ा पाप कर दिया हो। बॉस के सामने जोर-जोर से चिल्लाकर दौड़-भाग कर माहौल बनाने में तो यहां के कुछ लोग माहिर हैं ही।
ट्रेनीज़ के प्रति संपादक और विभाग प्रमुखों का रवैया हमेशा सहयोग भरा रहता है। लेकिन कुछ सीनियर प्रोड्यूसर और प्रोड्यूसर स्तर के लोग ट्रेनीज़ के साथ ऐसा व्यव्हार करते हैं जैसे कोई घर के नौकर से भी नहीं करता। ट्रेनीज़ को 'अबे', 'सुन रे' जैसे शब्दों से संबोधित किया जाता हैं। ट्रेनीज़ सीनियरों के सम्मान के नाते कोई जवाब नहीं देते जिसका फायदा यो लोग उठाते हैं। हालांकि ट्रेनीस को प्रबंधन की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि अगर कोई आपसे दुर्व्यवहार करता है तो तुरंत शिकायत करें। कई बार तो ट्रेनीस सीनियरों की प्रताड़ना से तंग आकर रो देते हैं, लेकिन शिकायत करने पर नाम सामने आने के डर से प्रबंधन तक अपनी बात नहीं पहुंचा पाते।
सीनियर प्रोड्यूसर और प्रोड्यूसर स्तर के कुछ लोगों को यह समझना होगा कि ट्रेनीज़ का भी आत्म सम्मान है। वे अच्छे परिवारों से आते हैं, उनमें अनुभवी की कमी जरूर हो सकती हैं लेकिन उनमें एक नई सोच और जोश का भंडार है।
भड़ास4मीडिया को भेजे गए एक ईमेल पर आधारित।