Pashyanti Shukla : (''IBN .. उनमें कुछ मेरे भी अपने थे…) अब कभी रिपोर्टिंग को miss नहीं करूंगी………. तीन दिन पहले IBN7 के बारे में पता चला..सोच ही रही थी कि आखिर किस किस पर ये गाज गिरी होगी.. लेकिन मन तो स्वार्थी होता है ..सबसे पहले अपने दोस्तों का ख्याल आया…वो दोस्त जिन्होंने पत्रकारिता के शुरुआती दिनों में हर कदम पर पैर जमाने में साथ दिया..डर सा लगा कहीं उनका ही पैर न उखड़ गया हो…सोच ही रही थी कि पति ने पूछा तुम्हारे दोस्त …..का क्या हुआ..
सहसा ख्याल आया हे भगवान..क्या हुआ होगा…बडा डरते डरते एक SMS किया…..मन तरह तरह की शंकाओ से भरा ही था कि उस SMS का REPLY आया… बचपन की याद आ गई जब किसी HORROR MOVIE को देखेते भी थे और डरते भी थे..चादर में मुंह ढककर एक आंख से ही सही लेकिन देखते थे…बस ऐसे ही देखा.. दिल को तसल्ली मिली वो SAFE है लेकिन उसके बाद जो पता चला वो दिल को 3 दिन से बेचैन किए हुए है… कई नाम …एक ऐसा नाम भी जिनके साथ इस तथाकथित पत्रकारिता इंडस्ट्री मे ये दूसरी बार हुआ…
….याद आ रहा है वो 5 साल पहले का विजय चौक एक पल…. जब इस बार IBN में हलाल कर दिया गया एक पत्रकार….NDTV के 2008 के कुछ इसी तरह के नरसंहार में घायल हुए किसी अपने मित्र को समझा रहा था….."यार ये मेरे साथ भी हुआ था….उसके बाद 8 महीने तक मेरे पास नौकरी नहीं थी…सेविंग्स सब खत्म हो गई थी..लेकिन फिर IBN में नौकरी मिली और अब तो यहीं रहना है…बढिया कंपनी है….employee को समझती है…….अब यहीं रहूंगा…तुम परेशान मत हो तुम्हे भी कहीं ……."
Main stream media छोडे दो साल हो गए लेकिन beat और byte के ज़रिए ही बने सही पर कुछ रिश्ते आज भी कायम हैं…..जो शिकार हो गए उनमे कुछ मेरे भी अपने थे…..जो डरते डरते जी रहे हैं उनमें कुछ मेरे भी अपने हैं…. आज लगता है अच्छा हुआ वो जगह छोड़ दी….जहां Article 19 1A सिर्फ दूसरों के लिए ही है….अब कभी reporting को miss नहीं करूंगी…
Pashyanti Shukla के फेसबुक वॉल से.