बराड़ा, हरियाणा। राष्ट्रीय समाचार पत्र 'सच कहूं' से जुड़े पत्रकार संदीप कुमार से मारपीट के मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश पुलिस महानिदेशक श्रीनिवास वशिष्ठ को जांच का जिम्मा सौंपा है और छह हफ्तों में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इससे पूर्व डीसीपी अंबाला ग्रामीण नाज़नीन भसीन द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट से आयोग ने संतुष्ट नहीं था। आयोग ने माना कि इससे पहले हुई जांच में पत्रकार की ओर से पेश किए गए कंई अहम सबूतों को दरकिनार कर दोषी पुलिस कर्मियों को पाक-साफ साबित करने की कोशिश की गई थी। जबकि पत्रकार के साथ मारपीट हुई है। आयोग की इस जांच से पत्रकार ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो पाने की उम्मीद जताई है।
उधर, मामले में संलिप्त दोषी पुलिस कर्मियों को हाल ही में मिली पदोन्नित के बारे में संदीप कुमार ने कहा कि दोषियों पर लगे संगीन आरोपों की अनदेखी करते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा दिया गया ये प्रोत्साहन कहीं न कहीं अंदरखाने की मिली-भगत की ओर इशारा करता है। वे इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
गौरतलब है कि 17 अगस्त 2012 को राष्ट्रीय समाचार पत्र 'सच कहूं' से जुड़े पत्रकार संदीप कुमार को पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में रखकर मारपीट की थी। उनको झूठे केस में फंसाने के लिए उसके हाथ में जबरन तलवार पकड़ा कर फोटो भी खींची थी। पत्रकार से इस प्रकार से दुर्व्यवहार के चलते स्थानीय मीडिया कर्मियों ने पुलिस की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी। पीड़ित पत्रकार के द्वारा इस मामले की शिकायत प्रैस कांसिल ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, सीएम व डीजीपी हरियाणा को की गई थी। इसके साथ ही राज्य भर की मीडिया ने तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौ. फूल चंद मुलाना व तत्कालीन पुलिस कमिशनर अंबाला से मिलकर उन्हें पुलिस वालों की इस गुंडागर्दी के बारे अवगत कराया था। जिसके चलते पुलिस कमिशनर ने तुरंत प्रभाव से बराड़ा थाना के लगभग सभी कर्मचारियों का तबादला कर दिया था लेकिन स्थानीय मीडिया कर्मियों ने इस कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी।
पत्रकार के साथ मारपीट करने में तत्कालीन थाना प्रभारी सुरेश कुमार, एएसआई सुन्दर लाल, ड्राईवर कुलदीप व बल्विन्द्र, जीत सिंह, एएसआइ मान सिंह, विश्वबंधु, सीटी नसीब सिंह, एएसआई चरण सिंह व अमरपाल आदि मुख्य आरोपी थे। आरोपी एसएचओ सुरेश कुमार व उसकी पत्नी कांस्टेबल संगीता पर गत नवंबर माह में अंबाला के पड़ाव थाना में एएसआई कर्ण सिंह को आत्महत्या के लिए उकसाने का एक और संगीन मामला भी दर्ज है। जिसके चलते सुरेश कुमार अपनी पत्नी सहित भूमिगत है व कोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट निकाले हुए है। सुरेश कुमार पहले से ही एक शराब कारोबारी से पैसे छीनने के आरोप में सस्पैंड चल रहा था।
हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष एडवोकेट बलजीत सिंह ने आयोग के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि आयोग के प्रति उनकी पूरी निष्ठा है। उन्होने डीजीपी हरियाणा से भी इस मामले में पूर्ण निष्पक्षता बरते जाने की उम्मीद जाहिर करते हुए मांग की है कि सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला प्रैस की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है। देश के चौथे स्तंभ मीडिया पर हमला किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
संदीप सांतरे
संवा़ददाता, सच कहूँ,
बराड़ा/मुलाना, अम्बाला।
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