बाड़मेर/ सीकरः लक्ष्मणगढ़ स्थित मोदी इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एंड साइंस में आयोजित, युवा लेखक अशोक सिंह राजपुरहोत की पुस्तक 'भागीरथी' के विमोचन समरोह में बोलते हुए वॉटर मैन राजेन्द्र सिंह ने कहा कि राजस्थान में पानी हमेशा से ही आम जनता के लिए किसी जंग से कम नहीं रहा है। यहां के जीवट ग्रामीणों ने पानी सहेजने की अपनी कला से पुरे विश्व को सीख दी है लेकिन वर्तमान में इस राज्य में पानी के अपव्यय की घटनाओ ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में जल बचत की बातों को करीने से सजाकर लोगो के सामने पेश करने की युवा लेखको की कोशिशें सराहनीय है। इस अवसर पर मोदी इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एंड साइंस के वाइस चांसलर प्रोफेसर एनवी सुब्बारेड्डी ने कहा कि आज समाज बदलाव चाहता है और यह बदलाव युवा लेखक ही कर सकते है। इस मौके पर मोदी इंस्टीट्यूट के डीन प्रोफ़ेसर सतीश शास्त्री ने कहा कि बाड़मेर-जैसलमेर पानी को लेकर हमेशा देश में एक काले पानी के इलाके की तरह रहे हैं। लेकिन इसी बाड़मेर-जैसलमेर में परम्परागत पेयजल स्रोतो के संरक्षण के लिए जो प्रयास वर्तमान समय में होने चाहिए वह नहीं हो रहे हैं। भागीरथी पुस्तक के सम्पादक अशोक सिंह राजपुरोहित और सह-संपादक प्रवीण बोथरा ने इस पुस्तक को लेकर दर्शकों के सामने अपनी बात रखी और मौजूद दर्शको के सवालों के जवाब भी दिए।
रेगिस्तानी बाड़मेर के लिए पानी हमेशा से ही जीवन में एक परेशानी के रूप में रहा है। जिले भर में पानी को लेकर हुए कामों के साथ-साथ इससे हमारे अतीत के नाते को एक साथ बयां करती है पुस्तक भागीरथी। बाड़मेर में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग कि सीसीडीयू इकाई में कार्यरत अशोक सिंह राजपुरोहित इस पुस्तक के सम्पादक है और वरिष्ठ पत्रकार चन्दन सिंह भाटी, मदन बारुपाल और प्रवीण बोथरा ने इस पुस्तक में सह-संपादक का काम बखूबी अंजाम दिया है।पुस्तक मौजूदा जन प्रतिनिधियो के पानी पर विचारों को भी पाठको के सामने रखती है। पुस्तक में डाक्टर दीपक आचार्य, जफर खान सिंधी, किशोर जाखड़, भुवनेश जैन, उदय पुरोहित, पूनम सिंह राठोर, कन्हैया लाल डलोरा, चन्दा यश ठाकुर, सुरेश जाटव, विनोद विश्नोई और दुर्गसिंह राजपुरोहित समेत एक दर्जन के करीब लेखको के लेख संकलित हैं।
पुस्तक के लिए अशोक राजपुरोहित से [email protected] पर संपर्क करें।