नक्सली हिंसा के लिए चर्चित छत्तीसगढ के बस्तर संभाग में कार्यरत् पत्रकार अपने अधिकारों के लिए आंदोलन के मूड में है। खबर है कि मजिठिया आयोग की सिफारिशों पर कोर्ट से आदेश पारित होने के बाद विभिन्न समाचार पत्र समूहों में वर्षों से कार्यरत् पत्रकार अपना अधिकार पाने के लिए बेचैन है। उचित पारिश्रमिक के लिए पत्रकार एकजुट होकर आंदोलन करने के मूड में दिख रहे है। खबर यह भी है कि कोर्ट के आदेश को धता बताते कुछ मीडिया समूह आदेश से बचने नई-नई तरकीब इजाद कर रहे है। मगर फैसला आने के बाद बस्तर में पत्रकार इस मसले पर गंभीर हैं और प्रबंधन पर वेज बोर्ड की अनुशंसा लागू करवाने दबाव भी बना रहे हैं।
एक पत्रकार द्वारा भेजा गया पत्र।