खबर है कि रायपुर दैनिक भास्कर से बरुन के. सखाजी ने इस्तीफ़ा दे दिया है. बरुन रायपुर भास्कर में पिछले ४ साल से जुड़े थे. उन्होंने जनवरी-२०१० में भास्कर के साथ अपनी पारी की शुरुआत की थी. इस्तीफे के पीछे के कारणों में बरुन की आगे बढ़ने की ललक बताई जा रही है. वे छत्तीसगढ़ के संपादक आनंद पाण्डेय से अपनी पोजीशन बदलने की बात कह रहे थे. उन्होंने इस सम्बन्ध में नेशनल एडिटर से भी गुज़ारिश की थी, कि उन्हें अन्य संस्करणों के साथ काम करने का मौका दिया जाये. किन्तु ऐसा होता इससे पहले ही बरुन ने इस्तीफ़ा दे दिया है.
रायपुर भास्कर से आनंद पाण्डेय के स्टेट एडिटर बनने के बाद ये 21वा इस्तीफ़ा है. आनंद पाण्डेय भास्कर में टीम प्लेयर कहे जाते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में ही सर्वाधिक इस्तीफे हुए हैं. उनके आते ही रिपोर्टर संजय पाठक, सब एडिटर अभिषेक, ललित, अश्विनी, पंकज शर्मा, सीनिअर सब एडिटर नीरज तिवारी, सीनियर न्यूज एडिटर विजय सिंह, डिप्टी न्यूज एडिटर चतुर्वेदी, रिपोर्टर रीना पाल, रिपोर्टर मनीष पाण्डेय, फोटोग्राफर सुनील भटकर, संतोष साहू, चीफ रिपोर्टर बरुन के सखाजी आदि अखबार छोड़ चुके हैं. जबकि नए आने वाले लोग महज ४ ही हैं. इनमे आशीष, आकाश, सतीश और रोहित शामिल हैं.
भास्कर में हीरो की परंपरा है, एक आदमी एक बार हीरो हो जाये तो फिर बाकी लोग या तो विलेन होते हैं या उसके नौकर. आनंद पाण्डेय ने भास्कर २०१० में ज्वाइन किया था. वे एमडी के करीबी हैं. भोपाल, इंदौर के संपादक रहने के बाद उन्हें नवनीत गुर्जर के समकक्ष बना दिया गया. खबर है कि नेशनल एडिटर कल्पेश जी को इन दिनो पूरी तरह से ट्रान्सफर, पोस्टिंग और नई नियुक्तियों से हटा दिया है. बताया जाता है कि वे आनंद पांडे को छत्तीसगढ़ का एडिटर बनाये जाने के खिलाफ थे, जबकि पूर्व एडिटर राजीव सिंह को हटाने के भी फेवर में थे. तमाम कोशिशों के बाद वे राजिव सिंह जैसे होनहार संपादक को तो हटाने में कामयाब हो गये, मगर अपने नितांत चेले को फिट नहीं कर पाए. बहरहाल कल्पेश छत्तीसगढ़ के एडिटर की रिपोर्टिंग मध्यप्रदेश के स्टेट एडिटर को करवाने में सफल हो गये. नवनीत कल्पेश के चेले हैं, तो वे भी आनंद को लेकर बिलकुल खुश नहीं थे, परन्तु चुप रहे. यही वजह है की कभी भी कोई टिपण्णी छत्तीसगढ़ को लेकर करना नहीं चाहते, चूँकि आदमी सुधीर अग्रवाल का है.
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.