मुंबई : मीडिया में हाहाकार की स्थिति है. किसी भी चैनल, अखबार में किसी की नौकरी सुरक्षित नहीं दिख रही है. छंटनी पर छंटनी हो रही है. अब खबर ब्लूमबर्ग टीवी से छंटनी की है. यहां से करीब तीन दर्जन मीडियाकर्मियों को निकाला जा रहा है. खुद चैनल की तरफ से कहा गया है कि वह चार सौ कर्मचारियों में से तीस को निकाल रहा है. यह तो घोषित तौर पर छंटनी है. ढेर सारे लोगों को गुपचुप तरीके से इस चैनल से निकाले जाने की आशंका है.
बताया जा रहा है कि ब्लूमबर्ग टीवी में छंटनी के लिफाफे अगले हफ्ते कर्मियों को दे दिए जाएंगे. ब्लूमबर्ग टीवी बिजनेस न्यूज चैनल है. इस चैनल में अनिल अंबानी का 18 प्रतिशत हिस्सा है. छंटनी की जो लिस्ट बनाई गई है उसमें इस चैनल के पत्रकार, कैमरामैन समेत टेक्निकल, मार्केटिंग व सेल्स के लोग शामिल हैं. ब्लूमबर्ग टीवी में बुलेटिन, लाइव शो और कई प्रोग्राम्स को पहले ही कम कर दिया गया है या बंद कर दिया गया है. इसके बाद अब स्टाफ को निकालने की तैयारी हो गई है.
एनडीटीवी ने भी कुछ ऐसा ही किया था. कम से कम बुलेटिन, लाइव शो और प्रोग्राम होने से स्टाफ की कम जरूरत पड़ती है. ब्लूमबर्ग टीवी इंडिया ने अपने अंतरराष्ट्रीय पार्टनर चैनल ब्लूमबर्ग एलपी से ज्यादा से ज्यादा कंटेंट लेना शुरू किया. इससे भी स्थानीय स्तर पर स्टाफ की जरूरत कम हो गई. मीडिया विश्लेषकों का कहना है कि भारत भयंकर रूप से मंदी की चपेट में है. कारपोरेट घराने और विज्ञापनदाताओं ने मीडिया को जाने वाले रेवेन्यू पर काफी लगाम लगा दिया है. इससे मीडिया के लोग अपने मुनाफे को कायम रखने या घाटे को न बढ़ने देने के लिए छंटनी समेत कई तरह के हथकंडों का इस्तेमाल कर रहे हैं.