आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा आईजी अभियोजन से आईजी नागरिक सुरक्षा के पद पर हुए ट्रांसफर के विरुद्ध दायर याचिका में केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच ने आज राज्य सरकार के अधिवक्ता से निर्देश प्राप्त करने को कहा कि क्या उनके ट्रांसफर के समय 28 जनवरी 2014 को जारी नियम के अनुसार सिविल सेवा बोर्ड का गठन किया गया था और क्या इस बोर्ड द्वारा संशोधित आईपीएस कैडर रूल्स 1954 के प्रावधानों का संज्ञान लिया गया था। कैट ने मामले की अगली सुनवाई 07 मार्च को नियत की है।
न्यायिक सदस्य नवनीत कुमार ने राज्य सरकार से सात दिनों में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है और आदेशित किया है कि यदि सरकार यह बताने में असफल रहती है तो याची को अभियोजन विभाग में रखे जाने सम्बंधित अंतरिम राहत दे दी जायेगी।
याचिका में श्री ठाकुर ने कहा है कि उन्हें 30 जनवरी को बिना सिविल सर्विस बोर्ड का गठन किये तथा बिना कोई कारण बताये 15 दिन में अभियोजन विभाग से हटा दिया गया जो 28 जनवरी 2014 को संशोधित आईपीएस कैडर रूल्स 1954 के नियम 7 के खिलाफ है।
डॉ. नूतन ठाकुर
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