गोरखपुर, 8 मार्च। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के पत्रकारों ने एक बिजली चोर को छुड़वाने के लिए बिजली विभाग की विजिलेन्स विभाग के अधिकारियों के साथ गाली गलौज की और बिजली चोर को छुड़ाकर अपने साथ लेते गए। बिजली चोर देवरिया के वाणिज्य कर विभाग में बाबु के पद पर तैनात है। चर्चा है कि इस मामले में विजिलेन्स विभाग के अधिकारी पत्रकारों के खिलाफ भी सरकारी कार्य में बाधा डालने की कार्यवाही करने की तैयारी कर रहे है और बकायदा झगड़ा करने वाले पत्रकारों की वीडियो रिकार्डिग भी की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुकवार को गोरखपुर से बिजली विभाग की विजीलेन्स विभाग की टीम इन्सपेक्टर दुबे के नेतृत्व में देवरिया गयी थी। वहां सूचना मिलने पर वह देवरिया में वाणिज्यकर विभाग में लिपिक के पद तैनात हदय शंकर मिश्र के कोतवाली थाना अन्तर्गत ग्राम सोनू घाट के पास दूसरे निर्माणाधीन मकान पर पहुंच गई। हदय शंकर मिश्र का एक मकान पहले से ही साकेत नगर में है। टीम को जाचं करने पता चला कि हदय शंकर मिश्र एक वर्ष से बिजली की चोरी कर रहे थे और उन्होने किसी प्रकार का कोई कनेक्शन नहीं ले रखा था।
बताते है कि बिजली चोर मिश्र ने वीजिलेन्स टीम द्वारा पकड़े जाने की सूचना अपने जान-पहचान वालों तथा कुछ पत्रकारों को दी। उसके बाद वो अपने एक ठेकेदार तथा श्री टाईम्स समाचार पत्र के पत्रकार सुरेन्द्र कुमार सिंघल की सिविल लाईन रोड स्थित दुकान पहुंच गए। सूचना मिलते ही चार पांच पत्रकारों का एक गुट कोतवाली थाने पहुंच गया और वहां एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी कर रहे वीजिलेन्स विभाग के कर्मचारियों के साथ गाली गलौज किया।
शुकवार की शाम को कोतवाली गेट के बाहर पत्रकारों और वीजिलेन्स विभाग की यह लड़ाई करीब एक घन्टा तक चली तथा वहां तमाशबीनों की काफी भीड़ इकटठा हो गई। आरोपों प्रत्यारोंपों के दौर का आखिरकार समापन तब हुआ जब वीजिलेन्स विभाग के इन्सपेक्टर दुबे ने चार हजार रूपया शमन शुल्क जमाकर मामले का निपटारा किया। हांलाकि दुबे के इस निर्णय से उनके साथ आए और एफआईआर पर आमादा अन्य विभागीय कर्मचारियों ने इसका खुलेआम कड़ा प्रतिरोध किया।
टीम के लोग या तो एफआईआर या दस हजार रूपया शमन शुल्क जमा करवाने पर अड़े थे। लेकिन इन्सपेक्टर दुबे की वजह से सबको झुकना पड़ा। दीवान बीर बहादुर सिंह ने यहां तक कह दिया कि दुबे जी के वजह से विभाग का नाम बदनाम हो रहा है।
बाद में सेल टैक्स विभाग का कमीशनखोर एवं काफी बदनाम बाबू हदय शंकर मिश्र पत्रकारों को चाय पान कराने अपने साथ लेता गया। पता चला है कि जो पत्रकार बिजली चोर बाबू के लिए लड़ाई लड़ रहे थे उनमें से सभी स्वनामधन्य पत्रकार है जिनका पीत पत्रकारिता और दलाली करना ही मुख्य पेशा है।
देवरिया के उक्त पत्रकारों के इस कृत्य की चारों ओर निन्दा हो रही है। लोगों का कहना है पत्रकारों को एक ईमानदार व्यक्ति के लिए लड़ना चाहिए न कि सेल टैक्स विभाग के बेइमान और बिजली चोर बाबू के लिए।
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