दिल्ली। प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में, एटा से प्रारंभ हुई हिन्दी की लघु पत्रिका 'चौपाल' के प्रवेशांक का लोकार्पण हुआ। मूर्धन्य आलोचक नामवर सिंह, शीर्ष कवि केदारनाथ सिंह, आलोचक खगेन्द्र ठाकुर और विख्यात लेखक काशीनाथ सिंह द्वारा यह लोकार्पण किया गया। राजकमल प्रकाशन के मंच पर आयोजित लोकार्पण समारोह में केदारनाथ सिंह ने कहा कि किसी एक कृति पर पत्रिका का पूरा अंक केंद्रित करना साहित्य के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने चौपाल के सम्पादक को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने प्रवेशांक में ही यह उपलब्धि अर्जित कर ली है।
नामवर सिंह ने कहा कि लघु पत्रिकाओं का अधिकाधिक प्रसार साहित्य को व्यापक बनाता है। उन्होंने इस अंक में युवा आलोचकों द्वारा किये गए मूल्यांकन को भी सराहनीय बताया। उपन्यासकार काशीनाथ सिंह ने कहा कि मेरे लिए यह सचमुच भावुक क्षण है जब इतनी बड़ी संख्या में युवा और वरिष्ठ आलोचकों ने मेरे एक उपन्यास को चर्चा के योग्य समझा। विदित हो कि चौपाल का प्रवेशांक काशीनाथ सिंह के सम्मानित उपन्यास 'रेहन पर रग्घू' पर केंद्रित किया गया है। आयोजन में जलेस के राष्ट्रीय महासचिव मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, आलोचक खगेन्द्र ठाकुर, कवि पंकज सिंह, कवि सदाशिव श्रोत्रिय, बनास जन के सम्पादक पल्लव सहित अनेक लेखक-पाठक उपस्थित थे।
अंत में 'चौपाल' के सम्पादक कामेश्वर प्रसाद सिंह ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए पत्रिका के जन्म की कहानी भी बताई। उन्होंने अपने जनपद एटा के प्रसंग भी सुनाए। संचालन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के शोधार्थी अज़हर खान ने पत्रिका के स्वरूप की जानकारी दी। राजकमल प्रकाशन के निदेशक अशोक महेश्वरी ने अपने नए महत्त्वपूर्ण प्रकाशनों की जानकारी दी।
कामेश्वर प्रसाद सिंह
सम्पादक, चौपाल,
एटा।
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