भड़ास4मीडिया की तरफ से स्टार न्यूज के शाजी जमां, न्यूज24 के अजीत अंजुम, आईबीएन7 के आशुतोष, साधना के एनके सिंह आदि को एक मेल भेजा गया जिसमें उनसे निर्मल बाबा पर अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया गया था. लेकिन इन सारे संपादकों ने मेल को पी लिया. कोई जवाब नहीं दिया. सबकी बोलती बंद है. लगता है कि निर्मल बाबा के पैसे ने इन सबकी बोलती बंद कर दी है. निर्मल बाबा के पैसे के प्रति प्रतिबद्ध इन संपादकों ने अपनी इस करतूत के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से देश में अंधविश्वास को बढ़ावा देने का पाप किया है. मीडिया का काम कहां अंधविश्वास और पोंगापंथ के खिलाफ जनता को जागरूक कर ढोंगियों का पर्दाफाश करना था तो अब इसके उलट रहा है. मीडिया और इसके महान संपादक ढोंगी बाबाओं की मार्केट अपग्रेड अपडेट करने में लगे हैं.
निर्मल बाबा साक्षात उदाहरण है. कैसे एक शख्स ने मीडिया को पैसे के बल पर खरीद लिया और संपादकों की बोलती बंद कर दी. विभिन्न मंचों से भाषण देने वाले ये तमाम महान संपादक अब चुप हैं. अब जरूरत इन संपादकों को घेरने और कोसने की है. मंचों पर तरह तरह से चिचियाने वाले इन संपादकों की फिलहाल बोलती बंद क्यों है, इसे आम पत्रकार और मीडिया के लोग खूब समझ रहे हैं. कायदे से इन संपादकों को आगे से नैतिकता आदि पर लेक्चर नहीं देना चाहिए. इन संपादकों के दांत खाने के और, दिखाने के और हैं, यह सब समझने लगे हैं. कारपोरेट घरानों की तरह मीडिया हाउस भी कारपोरेट हो गए हैं जिनका एक मात्र मकसद मुनाफा कमाना है. और, संपादकों की औकात मुनाफा कमाने के टूल वाले मार्केटिंग मैनेजरों से ज्यादा की नहीं रह गई है. उधर, टीवी न्यूज़ चैनलों की पैदाइश निर्मल बाबा को लेकर फेसबुक, ट्विटर, ब्लाग, वेब पर चर्चा तो खूब हो रही है, बाबा के ढोंग का पर्दाफाश किया जाने लगा है लेकिन ये महान संपादक अब तक चुप्पी साधे हुए हैं. चैनलों में सिर्फ एक न्यूज चैनल है, न्यूज एक्सप्रेस जिसने साहस दिखाते हुए निर्मल बाबा के खिलाफ प्रोग्राम शुरू कर दिया है. इसके लिए मुकेश कुमार बधाई के पात्र हैं. मुकेश कुमार ने भड़ास4मीडिया के भेजे मेल के जवाब में निर्मल बाबा पर न सिर्फ अपना पक्ष लिखकर भेजा बल्कि आश्वस्त भी किया कि उनका चैनल निर्मल बाबा के पाखंड के खिलाफ वेब मीडिया के अभियान में कंधे से कंधा मिलाकर साथ देगा.
संपादकों को भेजा गया पत्र यूं था…
विषय- न्यूज चैनलों पर निर्मल बाबा का साया और निर्मल बाबा पर चैनलों की माया…. आपकी राय चाहिए..
महोदय
निर्मल बाबा का जो फर्जी कार्यक्रम न्यूज चैनलों पर दिखाया जाता है, वह न्यूज चैनलों के टाप 50 कार्यक्रमों में शुमार हो रहा है. मतलब कि यह कार्यक्रम खूब टीआरपी बटोर रहा है. साथ ही यह प्रायोजित कार्यक्रम होने की वजह से पैसा भी दे रहा है. क्या न्यूज चैनलों को निर्मल बाबा की असलियत पर बहस कराने की जगह उनसे पैसे लेकर उन्हें महिमामंडित करने वाले कार्यक्रम दिखाने चाहिए? निर्मल बाबा पर चैनलों की माया और चैनलों पर निर्मल बाबा का साया… इस मुद्दे पर आपकी और बीईए की राय चाहिए. कृपया अपनी राय मेल के जरिए [email protected] पर भिजवा दें ताकि उसका प्रकाशन भड़ास4मीडिया पर कराया जा सके. इस मुद्दे पर भड़ास पर हम लोग एक सीरिज प्रकाशित कर रहे हैं जिसे आप इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं…
http://bhadas4media.com/component/search/?searchword=fraud+nirmal+baba&ordering=oldest&searchphrase=all&limit=20
आभार
यशवंत
एडिटर
भड़ास4मीडिया
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yashwant
www.bhadas4media.com
No.1 Indian Media News Portal
+91 9999330099
इस पत्र को फेसबुक पर भी प्रकाशित किया गया जिस पर कई टिप्पणियां आईं. इन टिप्पणियों को नीचे पढ़ सकते हैं….
Ravindra Chaudhary News chennelo ko to note kamane se matlab janta jaye bhad me
Zafar Irshad But isse kisi ki dharmik bhawnao ko dukh hua to…unke bahut fallowers hai bhai…
Haresh Kumar निर्मल बाबा जैसे लोगों को पील खोलना भी हमारे कर्तव्यों में शामिल है। ऐसे लोगों को चौराहे पर लाकर उनकी असलियत लोगों को बतानी चाहिए। ये चैनल वाले पैसे के लालच में कुछ भी दिखाने को तैयर होते हैं जिसकी टीआरपी मिले।।
Punit Bhargava Ek taraf sri-sri ki statement aur dusri taraf nirmal baba… desh me ek bar fir dharm sudhar andolan ki zarurat hai.
Ravindra Chaudhary Koi bhi dharm kisi ko lutne ki chhut nahi deta
Mayank Saxena पूरी तरह सहमत…बीईए को इसका संज्ञान भी लेना चाहिए…और सम्पादकों को इस पर अपना मत खुल कर बोलना चाहिए…
Manish Chandra Mishra सराहनिए कदम
Mayank Saxena इस पर रायशुमारी कराइए पत्रकारों के बीच…औक जस्टिज काटजू का भी मत जानिए…कुछ बड़े पत्रकारों का भी…लकिन हां इसके बाद अखबारों में छपने वाले ऐसे विज्ञापनों पर भी चर्चा हो…केवल टीवी पर ही निशाना न हो…
Vivek Dutt Mathuria सराहनिए कदम..स्वागत है आपकी पहल का और सहयोग भी
Vivek Dutt Mathuria सभी भक्त अपना- अपना दिमाग खोल लें , आपका दिमाग काले रंग का होना चाहिए…..ज्ञान की कृपा बरसाउंगा…
@फोर्थ आई ऑफ़ विवेक बाबा
अगला समागम टिम्बकटू में…
Yashwant Singh फालोवर इसीलिए ज्यादा हैं उनके क्योंकि हम मीडिया वालों ने अपना काम नहीं किया.
Vikram Adetay निर्मल बाबा ही क्यूँ , अन्ना , बाबा रामदेव और अरविन्द केजरीवाल का चैनलों पर आना , ये सब किस का कमल हैं , इसे सब जानते है पर सब चुप है क्यूंकि ज़बान पर ताला लगा दिया गया है , फिर भी अगर आप की कोशिशें रंग ला सके तो अच्छा है .
Mohan Mishra iske liye bhi sayad aapko black color ki purse leni pade aur 10 rs ka kadkadia note
Vinod Tiwari Ye pehel sarahni hai…. Mujhe lagta hai news channels ko apne fyde ke kiye janta ko gumrah nahi kerna chahiye kyo wo pura programm scripted aur planned hai jiske karan janta bhramin hoti hai aur ek aur gulami ke taraf kadam badta ja raha hai. Aise programm ko impotance dena band kerna chahiye…..
Jai Prakash isse koi fark nahi padega….kynki ye sab paise ka khel hai……….hamari apki kaun sunega……
Vinod Tiwari Jai sahab yaswant ji ki pehal jarur rang layegi
Michal Chandan निर्मल बाबा से पैसा वसूलने का नायाब तरीका है जनाब…लगे रहिए..सफलता जरूर मिलेगी
Sudhir Dandotiya विज्ञापन की एक सीमा तय कर देनी चाहिए पेड़ कार्यक्रम के बहाने एक एक घंटे तक दर्शको को बेबकूफ बनाना ठीक नहीं है ! बाबाओ के लिए भक्ति चेनल है वंहा प्रवचन दे …..
Sumit Gaur channels doing promotions for nirmal baba . may be they can achieve their target thru dis !
Nitin Mathur निर्मल बाबा के कार्यक्रम को रोकने का कानूनी पहलू क्या हो सकता है। या इस कार्यक्रम को रोकने का कोई भी पहलू क्या हो सकता है यह स्पष्ट होना चाहिए। निर्मल बाबा पैसे कमा रहा है इस बात पर यह कार्यक्रम कतई नहीं रुक सकता। यह लोगों को बेवकूफ बना रहा है, यह भी मुद्दा नहीं बन सकता क्यूंकि बाजार में हजारों प्रॉडक्टस और सेवाएं हैं जिनका काम ही लोगों को सपने दिखाना है। बाबा पैसे कमा रहा है, चैनल पैसे कमा रहा है और लोग पैसे दे कर तसल्ली पा रहे हैं। इसमें ज्वलंत मीडिया का रोल क्या और क्यों होना चाहिए।
Pankaj Jha बिल्कुल….अभियान चलाया जाना चाहिए ऐसे ठगों-लुटेरों के विरुद्ध.
Mayank Saxena बिल्कुल…इसका कानूनी पहलू है…आपको शायद न पता हो पर न केवल संचार माध्यमों से जुड़ी आचार संहिता बल्कि कानून भी अंधविश्वास फैलाने के बारे में बना हुआ है…साथ ही धोखाधड़ी और उसमें मदद के खिलाफ भी कानून हैं…अगर ऐसा न होता तो तमाम और बाबाओं को पुलिस तक भी इन्ही चैनलों ने पहुंचाया है…
Satish Shukla · Friends with Kamal Khan and 63 others
mai puri tarah se sahmat hoon par kya khalii NIRMALBABA HI HAII IS BUSINESS MEE … AJJ KALL BADEE BADEE THAGGGG KITABB BECH KAR YAA ASHRAMM CHALA KARR YAA PRAVACHWAN DEE KARR LOOT RAHEE HAIII … WOOO KIO NAHII ATTEE HAMARE NISHANE PARR …. iskaa matlab ye na smghaa jayee ki i m in favour of BABA … just globalize is ki kitnee FRAUD ???? BY THIS TOPIC ……
Govind Goyal ye naye dour kee patrkarita hai bhai sahab..
Nitin Mathur Fair & Lovely या काले को गोरा करने की कोई भी क्रीम भी इसी दायरे में नहीं आता। बाबा तो फिर भी कह देगा की लोगों को फायदा नहीं होता तो न आयें (किसी को तो फायदा होता ही होगा) whitener creams के तो ad में ही गोरी लड़की/लड़के को पहले काला कर के दिखाया जाता है। इस में तो रंगभेद का एंगल भी है।
Pramod Shrivastava आज व्यवसायिकता के दौर में चैनलों को सिर्फ माया से मतलब है…वे क्या दिखाते हैं…क्या बताते हैं…जो कुछ चल रहा है…उससे विश्वास की ज्योत जग रही है…या अंध विश्वास फैल रहा है…इससे उन्हैं कोई मतलब नहीं…न्यूज चैनलों पर निर्मल बाबा का साया तो है ही…लेकिन निर्मल बाबा को चैनलों के माध्यम से प्रचार और साथ ही जो माया मिल रही है…उसका भी तो अच्छा खासा परसेंट चैनल मालिकों की जैब में जा रहा है…तो फिर क्या है…कुछ भी दिखाओ…बस दिखाते जाओ…
Bhupendra Singh टीआरपी बढाने के लिए अन्य काम भी होने लगे हैं। न्यूज कम आ रहीं हैं।
Prabhu Heda मै तो बाबा लोगो के शो कोमेडी शो जैसे सोच के देख लेता हु
बड़ी दया और हसी आती है जब लोग बाबा के दरबार में रोते है उनकी महिमा गाते है !
बाकि कुछ हो बाबा होते बड़े चमत्कारी है, जन कल्याण हो न हो उनका खुद का कल्याण होना चमत्कार से कम कहा है ?
बैठे बैठे पैसे कमाने का कोई और जरिया बताओ जिससे बिना मेहनत के अरबो खरबों कमाए जाते हो ?
Ashish Kumar 'Anshu' आप जैसे लोगों की वजह से बाबा की टी आर पी बढ़ रही है….हा हा ह अ
Arun Sagar मित्रों!पैसों की दुनिया से आगे जाकर शोचने वाले बहुत कम हैं.और ये बाबा लोग तो शायद बिलकुल ही नहीं सोचते.लेकिन ऐसे कार्यक्रमों में जाने वाले लोगों के बारे में क्या कहा जाय.
Ashish Kumar 'Anshu' जाने वालों का अपना गणित है, वर्ना यह देश अब तक अन्धविश्वास न पडा रहता ….
पवन कुमार जैन आशीष कुमार जी तीर्थंकर महावीर के जन्मदिवस की शुभकामनाएँ।
Ashish Kumar 'Anshu' sir aapako bhee…
Ravish Kumar kya ka scope kaha se agaya ashish…paise le rahe hain..maze mil rahe hain. kya unko ye pata nahi ki vo kya bech rahe hain…kya aapko ab bhi lagta hai ki unhe bataane kee zarurat hai…vo khushi khushi kar rahe hain aur ye band nahee karenge.
Ashish Kumar 'Anshu' प्रेष परिषद् को एक ऐसा बेबाक अध्यक्ष मिला और खुले आम चल रहे हैं इस पेड़ न्यूज़ पर वह भी चुप है….उन्हें भी इन्तजार होगा कि कोई तमाम सबूतों, गवाहों के साथ उनके सामने उपस्थित हो, उसके बाद वे कार्यवाई करें. क्या कहें , शर्म हमको मगर नहीं आती…
Ashish Kumar 'Anshu' एक अनुमान के मुताबिक़ निर्मल बाबा हर महीने करीब दस करोड़ रूपए टी वी चैनलों को कार्यक्रम चलाने के लिए देते हैं
Ashutosh Kumar Singh आशीष भाई शर्म की एवज में हम बड़ी रकम जो ले रहे हैं, वैसे भी शर्म बेचने की ही चीज होती है…क्या ख्याल है…
Ashish Kumar 'Anshu' हमहूँ बेचीं, तुहो बेच,
बेचे के आजादी बा,
सबसे जियादा उ बेचीं,
जे चॅनलधारी बा….
Ashutosh Kumar Singh बेचने की होड़ लगी है…मंडी सजी है…कोई उसको बेच रहा है…कोई खुद को बेच रहा है…बेचो बेचो खुब बेचो…एक दिन आयेगा जब बेचने वाले को लगेगा कि उसी को किसी ने बेच दिया है…तब क्या होगा कालिया …
Udayan Supkar achchha ho bura ho jaise bhe eho mak kamaao yahee adarsh vakya hai desh ka aur media ka..
Rupchandra Upadhayay अब जब लोगो को इतने टॉप क्लास की कामेडी देखने को मिलेगी तो टी आर पी भी मिलेगी ,जय हो कोमल बाबा की ………..
Rajeev Ranjan Prasad आशीष भाई यह ही संतोष की बात है कि वेब मीडिया पर निर्मल बाबा की असलियत पर अच्छी और सार्थक बहस चल पडी है। विजुअल मीडिया तो पैसे का पेड खडा करने में यकीन रखता है। नीरज नें कहा है – अंग्रेजों नें 200 सालों में भारत का जितना नुकसान नहीं किया उससे अधिक दो सालों में टीवी मीडिया नें किया है।
Dhiraj Kumar Jha Desh ke Nirmal Baba jaise log atyant aavashyak hain. kaise? Are bhai Jab TRP badhega.. >>Jyada Income Jyada Tex Desh ke khazane me Betahasa vriddhi———– ——-> so Lage rahen Baba
Ishika Richa Singh Sengar media ko aajkal paise se jyada matlab warna wo apne channel par jyotish aur pravchan ke programe nhi dikhate shayd wo bhul gaye ki un par jimmedari hai samaj ki sachayi samne lane ki
Dhiraj Kumar Jha Richaji kyun bechare jyotishon ke pet par laat mar rahi hain, Jab Media sex padosta hai to log kahte hain ki hum dekhna chahte hain, par ismamle me….. Ha ha ha….Haan kuchh cheejen jo media dikhati hai bain hona chahiye jaise babalogon ka Shani grah se darana, adi.. Aap dekhiye Jab koi Jyotish samasya batate hain(NEWS channel par) to samadhan bhi batate hain jo kafi saral aur sasta hota hai, jaise ki — ye Mantr 5 baar japen, gareebon ko roti daan de. Agar Ramayan aur Geeta kori gapp bhi hain to bhi uske rachaita vidwan the jisne gareebon ke liye daan aur addhyayan karne walon ke liye Dakshina ki vayavastha kar di. "NIRMAL BABA IS THUG and PEOPLE following him are INNOCENT" SAUNA BELT ??? SANDHI SHUDHA ??? ENGLISH GURU ???