दैनिक जागरण वालों ने जागरण जंक्शन डाट काम नाम से एक ब्लाग पोर्टल बनाया है जिस पर कोई भी जाकर अपना ब्लाग बनाकर अपने मन की बात लिख सकता है. लेकिन यहां अगर आपने वाकई अपने मन की बात लिख दी तो आपका ब्लाग और आपकी पोस्ट बिना आपके बताए डिलीट की जा सकती है. पिंकी खन्ना नामक ब्लाग लेखिका ने जागरण वालों के ब्लाग मंच जागरण जंक्शन पर poghal नाम से अपना ब्लाग बनाया था और निर्मल बाबा के खिलाफ हाल में उन्होंने कई पोस्टें लिखकर प्रकाशित की. इन पोस्ट के शीर्षक ये हैं-
1 निर्मल बाबा के पाप का घड़ा भर चुका है. अब उलटी गिनती शुरू !!
2 निर्मल बाबा के गोरखधंधे पर लगाम लगाना ज़रूरी हो गया है
3 निर्मल बाबा उर्फ़ ढोंगी मदारी कैसे करता है चमत्कार ??
4 निर्मल बाबा का मीडिया द्वारा प्रचार करना एक राष्ट्रीय अपराध !!
5 निर्मल बाबा उर्फ़ ढोंगी बाबा का संक्षिप्त परिचय
6 निर्मल बाबा : मीडिया रूपी वैश्या की नाजायज़ औलाद !!
7 निर्मल बाबा का अस्तित्व यानि भारत का दुर्भाग्य !!
8 निर्मल बाबा की अब गुंडागर्दी भी शुरू हो चुकी है !!
9 निर्मल बाबा देश की मूर्ख जनता को लॉलीपॉप खिला कर ऐश कर रहे हैं.
10 निर्मल (क्रिमिनल) बाबा का लूट तंत्र बदस्तूर जारी है !
11 निर्मल बाबा बनाम माफिया डान (दोनों में फर्क कितना??)
ये सारी पोस्टें जागरण वालों के ब्लाग से डिलीट हो चुकी हैं. हालांकि जागरण वाले प्रत्येक ब्लाग के ब्लाग पोस्ट के नीचे ये बात लिखते हैं- ''Reader Blogs are not moderated, Jagran is not responsible for the views, opinions and content posted by the readers.'' लेकिन इतने से भी जागरण का मन नहीं भरा. नोटों के जरिए मीडिया हाउसों को खरीदने वाला निर्मल बाबा से जाने क्यों जागरण डर गया और सारी पोस्टें डिलीट कर दीं. अगर जागरण वालों को यही सब करना था तो उन्होंने ब्लागिंग का प्लेटफार्म बनाया क्यों, सिर्फ छायावदी कविताएं लिखने और अमूर्त प्यार-घृणा के लालित्यपूर्ण अभिव्यक्ति के लिए? फिलहाल यहां जागरण को शेम शेम कहते हुए भड़ास4मीडिया कोशिश कर रहा है कि लेखिका की लिखी पोस्ट को तकनीकी हुनर के जरिए खोज निकालकर आप सभी के सामने परोसा जा सके. शुरुआत एक ब्लाग पोस्ट से कर रहे हैं…
भंडाफोड़
Just another weblog
16 Posts
52 comments
Pinky Khanna
Reader Blogs are not moderated, Jagran is not responsible for the views, opinions and content posted by the readers.
निर्मल बाबा बनाम माफिया डान (दोनों में फर्क कितना??)
पोस्टेड ओन: 7 Apr, 2012 जनरल डब्बा में
Follow My Blog
Rss Feed
Google Buzz
SocialTwist Tell-a-Friend
लोगों को प्रीपेड कृपा रूपी अदृश्य चीज़ बेचने वाले निर्मल बाबा पर अब चारों तरफ से हमले होने शुरू हो गए हैं. सब से ज्यादा हमले सोशल नेटवर्क के ज़रिये होने लगे हैं. देर आये दुरुस्त आये, लोगों की आँखें खुलनी शुरू हो गयी हैं. कई भुक्तभोगी जो अपनी आप बीती सुना चुके है कि किस तरह बाबा ने उन पर कृपा करने का वायदा कर के उन से पैसे ऐंठ लिए मगर ऐसा कुछ फर्क उन की जिंदगी में नहीं पड़ा अलबत्ता उन की माली हालत और बिगड़ ज़रूर गयी . अपने साथ हुए धोखे से क्रुद्ध लोगों ने अब बाबा के खिलाफ आवाज़ उठाने शुरू कर दिए हैं. जिस समागम में भाग लेने के लिए पीड़ित को प्रीपेड शुल्क दो हज़ार रूपी प्रति व्यक्ति के हिसाब से चुकाना पड़ता है जो कि महीने में करीब 17 बार आयोजित किये जाते हैं और हर बार कम से कम 2500 लोग भाग लेते हैं. समागम में बाबा एक विशाल AC वाले हाल में या स्टेडियम में लोगो के दुःख दूर करने का काम करने लगते हैं. वहां पर बाबा के मंझे हुए चेले उर्फ़ कलाकार बड़े ही मार्मिक ढंग से अपनी आपबीती सुनाना शुरू कर देते हैं , मसलन किसी की शादी नहीं हो रही है तो उसे बाबा जी लड्डू खाने का उपाय सुझाते हैं , किसी का बच्चा नहीं हो रहा तो उसे गोलगप्पे खाने की सलाह देते नज़र आते हैं. इस तरह कुछ ही घंटों का समागम का वक्त बाबा के ही चेले ड्रामा करते हुए बिता देते हैं और जो दो- दो हज़ार की पर्चियां काट कर दूर से सफ़र कर के आये हुए दुःख से पीड़ित लोगों को अपना दुखड़ा तक सुनाने का अवसर नहीं मिल पाता. दरअसल यह सब निश्चित प्लानिंग के तहत होता है ताकि कोई बाहरी भक्त फालतू के सवाल खड़ा न कर दे. ऐसे में बाबा के चरणों में अपना धन और समय अर्पित करने वाला भक्त अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगता है. चलो देर से ही सही मगर ठोकर खाने के बाद असलियत समझ में आने लगता है. मैं ऐसे कई भक्तों को जानती हूँ जिन्हों ने अपना समय और धन खर्च कर के बाबा जी से कृपा लेने चल दिए थे मगर बाबा जी ने उन की तरफ ध्यान तक नहीं दिया. चलो यह तो थी कल तक की बात लेकिन जब से असंतुष्टों ने आवाज़ उठाना शुरू कर दिया तब से बाबा को अपनी गद्दी डोलती हुई दिखने लगी. उस ने तुरंत अदालत और वकीलों कि सेवाएं लेनी शुरू कर दी. पुलिस को भी अपनी सुरक्षा के लिए तैनात कर दिया. आज बाबा जी के पास अथाह धन दौलत जमा है जिस का प्रयोग करते हुए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं. कल अगर कोई उनके खिलाफ आवाज़ उठाना चाहता है तो उन्हें वो बड़ी आसानी से रास्ते से हटा सकता है. उन के पास धन का बल तो है ही , बाहूबलियों कि सेवा भी वो किसी भी वक्त ले सकते हैं. मीडिया पर तो वो पहले ही कब्ज़ा जमाये बैठे हैं , मीडिया भी जिस तरह बाबा की हाँ में हाँ मिलाते हुए इस घिनौने धंधे में अपना भरपूर योगदान दे रही है उसे देखते हुए तो देश का भविष्य भी अंधकार पूर्वक दिखाई पड़ता है. धीरे धीरे बाबा का साम्राज्य इतना फ़ैल जायेगा कि इस देश कि पुलिस, कानून और प्रशासन को भी अपनी मनमानी पूरी करने के लिए इस्तेमाल करते नज़र आ जायेंगे ! बाबा फिर बाबा न हो कर एक माफिया डान बन जायेंगे , तब देश के नेता और अधिकारी उस के तलवे चाटते नज़र आयेंगे. अब इस बात पर गौर कीजिये , बाबा को आम आदमी से एक खतरनाक डान किस ने बनाया ?? इस देश कि मुर्ख , अशिक्षित , अंधी और लालची जनता ने , अपने तुच्छ मनोकामनाओ को पूरा करने की चाह में अपने ही खून से सींच – सींच कर एक भस्मासुर तैयार कर लेते हैं. इस देश को गुलाम बनाने का श्रेय आखिर किस को जाता है ? देश के उन महान ( मूर्ख ) नागरिकों को जो हमेशा परिश्रम करने से जी चुराते हैं और किसी चमत्कार की आस में ऐसे चंगुल में फंस जाते हैं जहाँ से बहार निकल पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है.
JAI HIND !
Rate this Article:
1 Star2 Stars3 Stars4 Stars5 Stars (1 votes, average: 5.00 out of 5)
उपरोक्त पोस्ट का प्रकाशन जागरण के ब्लाग पर इस लिंक से किया गया था, जो अब नदारद है. http://poghal.jagranjunction.com/2012/04/07/%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%B2-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%A1-2/
अब अगर आप इस लिंक पर क्लिक करेंगे तो लिखा आएगा– This blog has been archived or suspended.
मूल ब्लाग पोस्ट का स्क्रीनशाट यूं है…
पढ़ने के लिए उपरोक्त पोस्ट के उपर क्लिक कर दें.