: निर्मल बाबा के चमत्कारिक इलाज और कथित कृपा के बारे में टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास की प्रतिक्रिया… : भारत में श्रद्धा बहुत महत्वपूर्ण विषय है. लेकिन श्रद्धा का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. हम बार बार कहते रहे हैं कि गंगा में नहाने से पापों का क्षरण हो जाता है, गंगा में नहाने से आदमी के जितने भी कलमश हैं वो घुल जाते हैं, लेकिन अगर कोई व्यक्ति हत्या कर दे और सोचे कि मैं गंगा में नहाऊं और गंगा मुक्ति दे देगी तो ये बिलकुल गलत है. गंगा पवित्र हैं, गंगा मुक्तिदायिनी हैं, हमारी धार्मिक आस्थाओं की मां हैं गंगा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप पाप कर्म करते रहें मनुष्य जीवन में और उसके बाद आप गंगा में स्नान कर लें….
बाबा शब्द या साधु संत बड़े महत्वपूर्ण शब्द हैं इनकी भी प्रासंगिकताओं का अब निष्कर्ष निकलना बहुत आवश्यक है, कसौटी की, किसको कहा जाए किसको ना कहा जाए, तो जो भी लोग चैनल पर ऐसा कर रहे हैं पहली बात तो उन चैनलों की सेल्फ मॉनिटरिंग होना चाहिए… वे संजय की दृष्टि इस्तेमाल करें… आप नीचे एक डिसक्लेमर डालकर नहीं बच सकते कि हम इस प्रोग्राम से अलग हैं आप कुछ भी नहीं दिखा सकते….. फिर तो आप कुछ ऐसी चीजें भी दिखाएंगे जो राष्ट्र के हित या अहित में भी जा सकती है…. पहली बात तो ये, चैनलों के विवेक पर ये काम छोड़ा जाना चाहिए…. और जनता को भी इस निर्णय में आना चाहिए कि वो ऐसे प्रोग्राम को नहीं देखेगी तो उनकी टीआरपी अपने आप गिरेगी और ऐसे बाबा जो इस तरह का दावा करते हैं कैंसर ठीक कर देंगे अपने आर्शीवाद अपनी कृपाओं से उन्हें बाकायदा अदालतों में जाकर जो समाजसेवी संगठन हैं और जो मीडिया विमर्श के लोग हैं, उन्हें चुनौती देनी चाहिए कि आइए हम आपको चार कैंसर पेसेंट देते हैं और यहीं कृपा करिए, यहीं बैठिए 24 घंटे, लाइव कृपा करके लाइव कैंसर ठीक करिए।
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