मुहिम रंग लाई. न्यूज चैनलों को समझ में आ जाना चाहिए कि सच्चा और अच्छा कंटेंट भी टीआरपी देता है. बकवास, अंधविश्वास, मूर्खता को दिखाकर न्यूज चैनल न सिर्फ मीडिया के प्रति भरोसे की हत्या करते हैं बल्कि अपनी विश्वसनीयता को घटा लेते हैं. तात्कालिक टीआरपी के चक्कर में पूरा हिंदी न्यूज चैनल जगत जिस तरह सवालों के घेरे में आता जा रहा है, उससे लगता है कि यह ट्रेंड किसी दिन न्यूज इंडस्ट्री का भट्ठा बिठाकर मानेगा. पर इस सबके बीच उम्मीद की किरण भी है. निर्मल बाबा के थर्ड आई रूपी पेड प्रोग्राम को दिखाकर चैनलों ने पैसा और टीआरपी दोनों बटोरा, और चुप्पी भी साधे रहे क्योंकि कुछ बोलने का मतलब होता पैसे व टीआरपी से हाथ धोना. पर निर्मल बाबा का सच दिखाकर भी चैनल टीआरपी बटोर सकते हैं, यह साबित हुआ है. मतलब सच्चाई का साथ देने वाले चैनलों को जनता पसंद करती है, यह स्पष्ट है.
निर्मल बाबा के विरोध के कार्यक्रमों की रेटिंग इतनी जबरदस्त रही कि निर्मल बाबा का थर्ड आई वाला प्रोग्राम टाप टेन की सूची से बाहर चला गया. स्टार न्यूज के डाल्टेनगंज का ठेकेदार कार्यक्रम को काफी अच्छी रैंकिंग मिली. आजतक ने निर्मल बाबा से जो सवाल जवाब किया, उसे खूब देखा गया. ताजे टाप50 प्रोग्राम की सूची नीचे है, जिसमें आप देख सकते हैं कि टाप10 से थर्ड आई गायब है. कृपया सूची पढ़ने के लिए तस्वीर को इनलार्ज करें और इनलार्ज करने के लिए टाप50 की सूची की तस्वीर पर क्लिक कर दें…