: कौन हैं निर्मल बाबा? (भाग ग्यारह) : सपने दिखा कर 1000 करोड़ कमाये : हाइकोर्ट में दायर हुईं दो जनहित याचिकाएं, लगाये आरोप : रांची : निर्मलजीत सिंह निरूला उर्फ निर्मल बाबा के खिलाफ शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया है कि बाबा ने सपना (सब्जबाग) दिखा कर लोगों से 1000 करोड़ कमाये हैं. इसलिए अदालत मामले में हस्तक्षेप करे. हाइकोर्ट सीबीआइ, आयकर की अनुसंधान शाखा व प्रवर्तन निदेशालय (इडी) को जांच का आदेश दे. याचिका यूथ पावर ऑफ इंडिया के अमृत रमण की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने दायर की है. इसमें आयकर अनुसंधान, सीबीआइ व इडी के अलावा राज्य के गृह सचिव और मुख्य सचिव को भी प्रतिवादी बनाया गया है.
क्या है याचिका में : याचिका में कहा गया है कि सपना बेचना (सब्ज बाग दिखाना) संविधान के अनुच्छेद 21 और 25 का उल्लंघन है. निर्मल बाबा ऐसा कर 2002-03 से पैसे कमा रहे हैं. उन्होंने पैसे का निवेश विभिन्न प्रकार के व्यवसाय में किया है. विदेशों में भी निवेश किये जाने की आशंका है. इसलिए मामले की जांच आयकर, सीबीआइ और इडी से करायी जानी चाहिए. याचिका में कहा गया है कि गृह मंत्रलय को निर्मल बाबा के कार्यक्रम के टीवी प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश दिया जाये.
– राज्य के गृह सचिव और मुख्य सचिव को भी बनाया प्रतिवादी
– सीबीआइ, आयकर व इडी से जांच कराने का आग्रह
– टीवी प्रसारण पर भी रोक लगाने का अनुरोध
किसने दायर की याचिका : यूथ पावर ऑफ इंडिया के अमृत रमण की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने
मकान व जमीन देने के नाम पर की धोखाधड़ी
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में संजीवनी बिल्डकॉन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गयी है. कंपनी पर मकान और जमीन देने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है. याचिका में मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, जिला अवर निबंधक और थाना प्रभारियों को प्रतिवादी बनाया गया है.
साथ ही मामले में सीबीआइ, आयकर और प्रवर्तन निदेशालय (इडी) से जांच कराने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है. क्या है याचिका में : याचिका में कहा गया है कि संजीवनी बिल्डकॉन ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर एक ही जमीन कई लोगों को बेची है. बीआइटी के प्रोफेसर विमल कुमार मिश्र को हाइवे सिटी में मकान देने के नाम पर धोखा दिया.
कंपनी ने 100 से अधिक लोगों को मकान और जमीन देने के नाम पर ठगा है. इसलिए इस मामले की विस्तृत जांच की जानी चाहिए. याचिका में कहा गया है कि धोखाधड़ी में सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं. इसलिए इसकी जांच सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय से करायी जानी चाहिए. मामले के आर्थिक पहलू की जांच आयकर विभाग की अनुसंधान शाखा से करायी जानी चाहिए.
– याचिका में 100 लोगों के हस्ताक्षर
याचिका में बीआइटी के प्रोफेसर विमल कुमार मिश्र, विजय कुमार, कतरास के अजय वर्मा व सुखदेव नगर के आदित्य कुमार सिंह सहित 100 लोगों के हस्ताक्षर हैं.
कई को प्रतिवादी बनाया
याचिका में राज्य के शीर्ष अधिकारियों के अलावा ओरमांझी, सदर, कोतवाली, लोअर बाजार, चुटिया और कांके थाना के प्रभारी के अलावा संबंधित अंचलों के अंचलाधिकारियों को प्रतिवादी बनाया गया है. साथ ही मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक व जिला अवर निबंधक को भी प्रतिवादी बनाया गया है.
मुख्य सचिव, गृह सचिव डीजीपी, अवर निबंधक और सभी थाना प्रभारियों को भी बनाया प्रतिवादी सीबीआइ, आयकर और इडी से जांच कराने का आदेश देने का अनुरोध
साभार : प्रभात खबर
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