नई दिल्ली : अपनी कृपा से लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोपों से घिरे निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा पर मनी लांड्रिंग कानून का शिकंजा कस सकता है। लखनऊ में एफआइआर दर्ज होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी बाबा के खिलाफ सक्रिय हो गया है। ईडी इस मामले में जल्द ही मनी लांड्रिंग (अवैध धन को वैध बनाने) रोकने के कानून के तहत केस भी दर्ज कर सकता है।
इस कानून के तहत अवैध तरीके से बनाई गई बाबा की संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, निर्मल बाबा के खिलाफ एफआइआर के मामले में ईडी के अधिकारी लखनऊ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। जल्द ही लखनऊ पुलिस से आधिकारिक रूप से एफआइआर की प्रति मांगी जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लखनऊ पुलिस की एफआइआर का अध्ययन करने के बाद निर्मल बाबा के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने का फैसला किया जाएगा। इस एफआइआर में निर्मल बाबा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की जिन धाराओं 420, 417, 419 और 508 के तहत केस दर्ज किया गया है, वे मनी लांड्रिंग रोकने के कानून के तहत अपराध की श्रेणी में आते हैं।
इसका मतलब यह हुआ कि इन धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज होने के बाद ईडी को अपने-आप मनी लांड्रिंग के तहत केस दर्ज करने का अधिकार मिल जाता है। ईडी इसके पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व संचार मंत्री ए राजा, भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष केतन देसाई जैसे कई आरोपियों के खिलाफ इसी तरह मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर चुका है। मनी लांड्रिंग रोकने के कानून के अंतर्गत ईडी को आरोपियों की अवैध तरीके से बनाई गई संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार है। (साभार : जागरण)
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